भारत-अमेरिका रिश्तों पर ट्रंप का नया भरोसा

5 नवंबर को व्हाइट हाउस ने एक बार फिर इस बात की पुष्टि की कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप भारत के साथ संबंधों को लेकर “बहुत सकारात्मक और गहराई से समर्पित” महसूस करते हैं।
उन्होंने बताया कि कुछ हफ़्ते पहले ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे बात की थी, जब व्हाइट हाउस में दिवाली का जश्न भारतीय-अमेरिकी अधिकारियों के साथ मनाया गया था। लेविट ने कहा,
“राष्ट्रपति मोदी का बहुत सम्मान करते हैं और दोनों नेताओं के बीच संवाद अक्सर होता है।”
व्हाइट हाउस ने यह भी कहा कि नई दिल्ली के साथ व्यापारिक मुद्दों पर “गंभीर बातचीत” जारी है और अमेरिका के पास भारत में एक “बेहतरीन राजदूत — सर्जियो गोर” मौजूद हैं।
यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि भारत ने रूस से तेल की खरीद में उल्लेखनीय कमी की है। उन्होंने इसे “बहुत अच्छा कदम” बताया और कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के आश्वासन के अनुरूप है।
हालाँकि, भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया कि देश की ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हितों और उपभोक्ताओं की सुरक्षा पर आधारित है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा:
“भारत की प्राथमिकता स्थिर कीमतों और सुरक्षित आपूर्ति को बनाए रखना है। हमारी नीतियाँ केवल भारतीय उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं।”
इसी बीच, व्यापार शुल्क को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव जारी है। अमेरिका ने रूस से तेल आयात जारी रखने के कारण भारत पर 50% तक शुल्क लगाया था, जिसे भारत ने “अनुचित और अविवेकपूर्ण” बताया।
ट्रंप ने APEC सम्मेलन के दौरान यह दावा भी किया कि उन्होंने “भारत और पाकिस्तान को संभावित युद्ध से रोकने” में भूमिका निभाई थी — हालाँकि भारत ने इस बयान को सिरे से खारिज किया और कहा कि युद्धविराम सैन्य चैनलों के ज़रिए हुआ था, ट्रंप की भूमिका नहीं थी।
👉 ट्रंप भारत-अमेरिका रिश्तों को लेकर आश्वस्त हैं।
👉 मोदी और ट्रंप के बीच सीधा संवाद जारी।
👉 व्यापार शुल्क और ऊर्जा नीति पर मतभेद बने हुए हैं।
👉 भारत ने कहा — “हमारे निर्णय राष्ट्रीय हित में हैं।”




