
रायपुर/महासमुंद – आईपीएस उदय किरण और विवाद एक साथ चलते हैं, फिर चाहे मुद्दा मीडियाकर्मी से मारपीट का हो, भाजपा के बड़े नेताओं से पंगा लेने का हो या फिर, विधायक की बेरहम पिटाई का हो, उदय किरण जहां जाते हैं, विवाद उनके साथ साथ चलते हैं, यही वजह है कि हाल ही में उनका ट्रांसफर बिलासपुर से महासमुंद किया गया था, लेकिन यहां उन्हें चंद महीने ही गुजरे थे कि उन्होने एक ऐसा बबाल खड़ा कर दिया है जो पूरे छत्तीसगढ़ में सुनाई दे रहा है.

क्या साबित करना चाहते हैं आईपीएस उदय किरण ?
लेकिन अब सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या आईपीएस उदय किरण खुद को, सिंघम फिल्म का अजय देवगन साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि ऐसा नहीं है कि प्रदर्शन किसी जगह नहीं होते, थाने का घेराव प्रदेश में कहीं नहीं होता, लेकिन इनका शांतिपूर्ण ढंग से निपटारा करना और पीड़ित को न्याय दिलाना ही पुलिस का काम है, लेकिन जिस तरह से आईपीएस उदय किरन ने जनता के चुने हुए विधायक और उनके समर्थकों की पिटाई की है, उससे सवाल उठता है कि क्या वाकई, ये मामला इतना गंभीर हो गया था कि पुलिस को मजबूरी में लाठीचार्ज करना पड़ा, क्योंकि किसी विधायक की इतनी बेरहमी से पिटाई की खबरें शायद छत्तीसगढ़ में कम ही देखने को मिलती हैं, वो भी एक ऐसे मुद्दे पर, छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी खुद थाने आकर, छेड़छाड़ की शिकायत कर रही हैं, बावजूद इसके इस मामले को इतना तूल दिया गया, जिससे, जाहिर है कि, आईपीएस उदय किरण के काम करने के तरीके पर सवाल जरूर उठेंगे, सवाल ये भी उठेंगे कि सिंघम बनने की चाहत में क्या आईपीएस उदय किरण, किसी भी प्रदर्शनकारी को इतनी ही बेरहमी से पीटेंगे ।
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