छत्तीसगढ़

विश्व वन्यजीव दिवस पर जीव-जंतुओं के संरक्षण को लेकर दिग्गजों ने जताई अपनी प्रतिबद्धता

दुनियाभर में विलुप्त हो रही वनस्पतियों और जीव-जंतुओं की प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस यानी वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे मनाया जाता है। हालांकि, राजस्थान और गुजरात का वन्यजीवन काफी प्रभावी है, लेकिन इसे कतई दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि जैव विविधता की समृद्धि ही धरती को रहने तथा जीवनयापन के योग्य बनाती है। इन सबसे अलग समस्या यह है कि लगातार बढ़ता प्रदूषण, वातावरण पर इतना खतरनाक प्रभाव डाल रहा है कि जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की अनेक प्रजातियाँ धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही हैं। भारत में इस समय 900 से भी ज्यादा दुर्लभ प्रजातियां खतरे में बताई जा रही हैं। यही नहीं, विश्व धरोहर को गंवाने वाले देशों की लिस्ट में दुनियाभर में भारत का सातवां स्थान है।

इस दिन को गंभीरता से लेते हुए और देशवासियों को इसके प्रति जागरूक करने के मकसद से स्वदेशी माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच कू ऐप पर भारत सरकार सहित राजस्थान तथा गुजरात के कई बड़े नेताओं ने शुभकामनाएँ दी हैं, जिसमें MyGovIndia ने कू करते हुए लिखा है:

जीवों के आवास में लगातार वृद्धि के साथ, आइए हम अपनी बहुमूल्य प्राकृतिक विरासत, हमारे वन्य जीवन को बचाने, संरक्षित करने और जश्न मनाने के लिए समर्पित प्रयास करने का संकल्प लेकर #WorldWildlifeDay मनाएं।
लोकसभा अध्यक्ष, ओम बिरला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू पर पोस्ट करते हुए कहा है:

प्रजातियों, आवासों और पारिस्थितिकी तंत्र के नुकसान से पृथ्वी पर जीवन को खतरा है। इस #WorldWildlifeDay पर, आइए हम गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने, उनके आवासों और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली का समर्थन करने और मानवता द्वारा उनके स्थायी उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करें।
राज्यसभा सांसद और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक (कॉर्पोरेट मामले) परिमल नथवाणी ने देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच कू के माध्यम से कहा:
राज्यसभा सांसद और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक (कॉर्पोरेट मामले) परिमल नथवाणी ने देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच कू के माध्यम से कहा:

एशियाई शेरों के एकमात्र निवास स्थान के रूप में, #गुजरात का #गिर राष्ट्रीय उद्यान भारत के सभी राष्ट्रीय उद्यानों में प्रमुख गौरव है। इसकी बहुमुखी वनस्पति और जीव इसके मूल्य को और बढ़ाते हैं, जिससे यह #वन्यजीव प्रेमियों के बीच एक बहुत लोकप्रिय गंतव्य बन जाता है। #विश्व वन्यजीव दिवस
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने वन्यजीव जागरूकता को लेकर कू पर अपनी पोस्ट में लिखाः

इस #WorldWildlifeDay पर आइए हम सभी वन्यजीवों और वनस्पतियों के संरक्षण का संकल्प लें और उनके पारिस्थितिक महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाएं।
सवाई माधोपुर की पूर्व विधायक दीया कुमारी प्रकृति के संरक्षण के लिए जागरूकता संदेश देते हुए अपनी कू पोस्ट में कहती हैं:

विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर वैश्विक स्तर पर विलुप्त हो रहे वन्यजीवों के प्रति दया भाव रखने व प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन का संकल्प लें।
विश्व वन्यजीव दिवस की थीम

विश्व वन्यजीव दिवस के प्रति लोगों को जागरूक करने लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा हर साल एक थीम जारी की जाती है, जिससे कि विलुप्त हो रहे वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं की प्रजातियों की सुरक्षा के लिए लोगों में जागरूकता पैदा की जा सके। विश्व वन्यजीव दिवस 2022 की थीम है- पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को ठीक करना (Recovering Key Species For Ecosystem Restoration)।

क्यों मनाया जाता है विश्व वन्यजीव दिवस?

विश्व वन्यजीव दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में वन्यजीवों की सुरक्षा तथा वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है।विश्व के सभी देशों के साथ इस दिन भारत में भी वन्यजीवों हेतु जागरूकता फैलाई जाती है और प्रकृति और मानव के संबंधों को दर्शाया जाता है।

कुछ ऐसा है इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को 68वें सत्र में 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस की घोषणा की थी। इसी दिन विलुप्तप्राय वन्यजीव और वनस्पति के व्यापार पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को स्वीकृत किया गया था। वन्यजीवों को विलुप्त होने से रोकने हेतु सर्वप्रथम साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) पारित हुआ।

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