छत्तीसगढ़ में कैग की रिपोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के दावों की एक तरह से पोल खोल दी है. पिछली सरकार के सारे दावों को इस रिपोर्ट ने खोखला साबित कर दिया है. बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करने वाली भाजपा सरकार के सामने कैग की रिपोर्ट ने हेल्थ सेक्टर की सही तस्वीर लाकर सामने रख दी है. कैग की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में दवाइयों की कमी के साथ हीं यह भी सामने आया है कि जननी सुरक्षा योजना के साथ भी बड़ा खेल किया गया है.
गुरूवार को जारी कैग की रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में गर्भवती माताओं के इलाज में बड़ा खेल किया गया है. कैग की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वास्थ्य केंद्रों में 2618 गर्भवती महिलाओं के प्रसव प्रकरण में उनके स्मार्ट कार्ड से 1.60 करोड़ रूपए निकाल लिए गए. इनमें सामान्य प्रसव के लिए 4500 रूपए और सीजेरियन प्रसव के लिए 11 हजार 250 रूपए की दर से राशि निकाली गई है. जबकि गर्भवती महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना के तहत निशुल्क इलाज की सुविधा दी जाती है. गर्भवती महिलाओं के प्रसव प्रकरण में बरती गई लापरवाही: CAG
छत्तीसगढ़ में गर्भवती महिलाओं और टीकाकरण के लिए करोड़ों रूपए खर्च किए जाते है, जमकर प्रचार प्रसार किया जाता है. वहीं कैग की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा सरकार के समय गर्भवती महिलाओं के मामलों में जमकर लापरवाही बरती गई. सरकारी नियम कायदों की चादर के नीचे जिम्मेदार लोगों ने खूब मनमर्जी की. स्वास्थ्य केंद्रों में महिलाओं को प्रसव के 48 घंटों तक रखना होता है लेकिन उन्हे इससे पहले डिस्चार्ज कर दिया गया.