आवासीय कॉलोनियों में सिकिंग फंड के पैसों का नियम क्या है ? जानिए छत्तीसगढ़ सहकारी अधिनियम की धाराओं के अनुसार

Fourth Eye News | रायपुर।
छत्तीसगढ़ में पंजीकृत आवासीय सहकारी समितियों के लिए सिकिंग फंड (Sinking Fund) बनाना न केवल आवश्यक है, बल्कि कानूनन अनिवार्य भी है । यह फंड भविष्य में होने वाले बड़े मरम्मत कार्यों या भवन पुनर्निर्माण के लिए बचत निधि के रूप में काम करता है ।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फंड के पैसों को खर्च करने के भी सख्त नियम तय हैं?
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति अधिनियम, 1960 क्या कहता है ?
राज्य में पंजीकृत सभी आवासीय सोसायटियां छत्तीसगढ़ सहकारी समिति अधिनियम, 1960 के अधीन आती हैं। इस अधिनियम की कई धाराएं सिकिंग फंड के गठन और उपयोग से जुड़ी हुई हैं।
धारा 66(2) — निधि निर्माण का प्रावधान
इस धारा में स्पष्ट कहा गया है कि “प्रत्येक सहकारी समिति अपने उपनियमों में यह प्रावधान करेगी कि वह रिज़र्व फंड, डिप्रिसिएशन फंड, रिपेयरिंग फंड या सिकिंग फंड जैसी विशेष निधियों का निर्माण करेगी।”
यानी हर हाउसिंग सोसायटी को भविष्य की बड़ी मरम्मत या पुनर्निर्माण के लिए अलग फंड बनाना ही होगा।
धारा 67 — फंड के उपयोग की सीमा
इस धारा के अनुसार “कोई भी समिति किसी फंड का उपयोग उसी उद्देश्य के अलावा नहीं कर सकती जिसके लिए वह बनाया गया हो।”
इसका मतलब है कि सिकिंग फंड की राशि को सिर्फ भवन की संरचनात्मक मरम्मत, पाइपलाइन बदलने, लिफ्ट सुधारने या पुनर्निर्माण जैसे कार्यों में ही खर्च किया जा सकता है।
धारा 77 — लेखा परीक्षण और जवाबदेही
यदि समिति के पदाधिकारियों द्वारा इस फंड का दुरुपयोग किया जाता है, तो लेखा परीक्षण (Audit) के दौरान इसे वित्तीय अनियमितता (Financial Irregularity) माना जाएगा। इस स्थिति में दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ वसूली, दंड और पद से हटाने की कार्यवाही की जा सकती है।
सिकिंग फंड से राशि निकालने का नियम
- राशि केवल जनरल बॉडी की स्वीकृति (2/3 बहुमत) के बाद ही निकाली जा सकती है।
- अधिकांश मामलों में रजिस्ट्रार, सहकारी संस्थाएं की लिखित अनुमति भी आवश्यक होती है।
- फंड का उपयोग किसी दैनिक रखरखाव, चुनाव खर्च या व्यक्तिगत कार्य के लिए नहीं किया जा सकता।
दुरुपयोग पर सख्त कार्रवाई
अगर समिति के पदाधिकारियों ने सिकिंग फंड का पैसा अन्य कार्यों में लगाया, तो यह धारा 77 और 78 के तहत वित्तीय गड़बड़ी मानी जाएगी।
रजिस्ट्रार को ऐसे मामलों में पदाधिकारियों को हटाने, वसूली आदेश जारी करने और यहां तक कि फौजदारी कार्यवाही करने का भी अधिकार है।
क्यों जरूरी है सिकिंग फंड
सिकिंग फंड का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में सोसायटी को किसी बड़े मरम्मत कार्य के लिए अचानक भारी आर्थिक बोझ न उठाना पड़े। यह फंड हर महीने या सालाना आधार पर, प्रत्येक सदस्य से तय अनुपात में राशि लेकर बनाया जाता है — ताकि भवन के रखरखाव और पुनर्निर्माण के लिए पर्याप्त पूंजी उपलब्ध रहे।
छत्तीसगढ़ में सहकारी आवास समितियों के लिए सिकिंग फंड न केवल वित्तीय अनुशासन का प्रतीक है, बल्कि यह कानूनी बाध्यता भी है। धारा 66, 67 और 77 के तहत किसी भी तरह का दुरुपयोग न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि कानूनी कार्रवाई को आमंत्रित करता है। भविष्य में कॉलोनी की सुरक्षा और स्थायित्व के लिए इस फंड को “सुरक्षित और पारदर्शी” रखना सभी पदाधिकारियों की जिम्मेदारी है।




