दंतेवाड़ा : नवरात्र में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर बनी रणनीति

दंतेवाड़ा : शारदीय नवरात्र पर मांईजी के दर्शन के लिए आने वाली महिला श्रद्घालुओं की समस्या पर सर्व बस्तरिया समाज ने चिंता जताई। इसके अलावा पर्व के दौरान बाहर से आने वाले श्रद्घालुओं के ठहरने सहित सुरक्षा आदि भी चर्चा हुई। नवरात्र पर पूर्व वर्षों की तरह सभी समाज ने अलग-अलग दिन अलग- अलग दायित्व निभाने की जिम्मेदारी ली। इसमें धोती केंद्र से लेकर प्रसाद वितरण और परिसर की साफ-सफाई तथा पूजा-विधान में कौन, कब और कहां किस तरह की सेवा देना इस पर विचार हुआ?
मौजूद समाज प्रमुखों ने प्रमुख रूप से महिला श्रद्घालुओं के लिए नदी तट सहित परिसर में प्रसाधन सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रशासन से चर्चा करने की बात कही है। समाज पदाधिकारियों ने धर्मशाला का भी अवलोकन किया। पुराने धर्मशााला रानी बगिया के कुछ कक्ष और शौचालय खराब होने पर नाराजगी जाहिर की। साथ ही प्रस्ताव रखा है कि मंगल भवन के करीब स्थित सरस्वती शिशु मंदिर भवन रिक्त है। इसे बाहर से आने वाले श्रद्घालुओं के ठहरने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। पर्व के दौरान ग्रामीण और शहरी श्रद्घालुओं की सुरक्षा के लिए भी विशेष सहायता देने समाज की महिलाएं और युवतियों को भी जिम्मेदारी दिए जाने पर विचार हुआ।
भंडारे के लिए लोग होंगे परेशान
नवरात्र पर मांईजी के दरबार में श्रद्घालुओं को 10 दिनों तक मिलने वाले भंडारे से वे इस बार वंचित होंगे। पिछले एक दशक से परिसर में 10 दिनों तक श्रद्घालुओं के लिए नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था करने वाली संस्था इस बार नहीं पहुच रही है। ज्ञात हो कि दूर-दराज से मांईजी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्घालुओं को इस पंडाल में बड़ी राहत मिलती थी जहां सुबह से शाम तक सात्विक भोजन की व्यवस्था होती थी। इस भंडारे का लाभ ग्रामीण ही नहीं शहरी और अधिकारी भी उठाते थे लेकिन किन्हीं कारणों से जगदलपुर से आने वाली संस्था ने इस बार आने से इंकार कर दिया है।
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माईजी के नगरी में वर्ष 2015 में सौंदर्यीकरण के लिए दुकानों की तोडफोड़ हुई। उसके बाद से व्यापारियों ने भी सार्वजनिक भंडारे का आयोजन बंद कर दिया है। नगर के व्यापारी नारायण मंदिर के सामने 2016 के बाद भंडारे का आयोजन नहीं कर रहे हैं। यदि दोबारा व्यापारी संघ भंडारे का आयोजन शुरू करें तो कुछ राहत श्रद्घालुओं को मिलेगी।
मंदिर समिति का भंडारा सीमित
मंदिर परिसर में टेंपल कमेटी की ओर से भी भंडारे या प्रसाद वितरण होता है लेकिन यह नाकाफी है। टेंपल कमेटी द्वारा सीमित मात्रा में कभी पुरी-सब्जी तो कभी हलवा- खीर का प्रसाद बांटा जाता है। यह भी सीमित समय के लिए होता है।