रायपुर: भाजपा कहती कुछ और है, और करती कुछ और है : कांग्रेस
रायपुर, राष्ट्रीय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के समक्ष रमन सरकार द्वारा और संघ समर्पित किसान संगठनों द्वारा 2250 रू. समर्थन मूल्य की मांग को किसान हित और छत्तीसगढ़ हित पर कुठाराघात निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा कहती कुछ और है, और करती कुछ और है। 2018 के चुनावों में भाजपा ने 2100 रू. धान के समर्थन मूल्य का वादा घोषणा पत्र में किया था, साथ ही साथ 300 रू. बोनस देने का संकल्प लिया था, लेकिन 2018 के कृषि लागत मूल्य आयोग से मांगा सिर्फ 2200 रू. समर्थन मूल्य, इससे भाजपा का दोहरा चरित्र और किसान विरोधी, छत्तीसगढ़ विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। 2013 का चुनाव जीतने के बाद भाजपा की सरकार बनी लेकिन 5 साल बीतने के बाद भी किसानों से किया गया वादा भाजपा ने नहीं निभाया। 2013 के चुनावों के बाद हुये विधानसभा सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण में भी किसानों को 5 साल बोनस देने की बात कही गयी थी। भाजपा के 2013 के चुनावी वादे के हिसाब से किसान को 5 साल तक 2400 रू. समर्थन मूल्य मिलता था और एक-एक दाना धान की खरीद होती थी लेकिन भाजपा ने किसानों से वादा खिलाफी की। इस बीच हुये लोकसभा चुनावों के घोषणा पत्र में भाजपा ने किसानों की आय दुगुनी करने और कृषि में लागत मूल्य पर कम से कम 50 प्रतिशत लाभ किसानों को दिलाने की बात कही। 2013 में संकल्प बोलकर किये गये 2400 रू. के झूठे वायदों को पूरा न करने को लेकर किसानों में भाजपा के प्रति गहरी नाराजगी है। अब 5 साल बाद 2018 में 2200 रू. समर्थन मूल्य मांगकर भाजपा ने किसानों के जख्मों पर नमक छिडक़ने का काम किया है।