
रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का इसी महीने की 16 तारीख को हृदयाघात से निधन हो गया था। वह छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक दिग्गज नेता के तौर पर अपनी पहचान को अंतिम वक्त तक कायम रखे हुए थे। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं था कि उनका सामना मौत से हुआ इसके पहले भी एक बड़ी घटना घटी थी जब मनोज मंडावी मौत के मुंह में जाने से बाल-बाल बचे थे। आज फोर्थ आई न्यूज़ आपको उसी घटना से रूबरू करवाने जा रहा है। यह घटना आज से 1 साल पहले की है।
तारीख थी 24 नवंबर 2021, उस समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बस्तर में एक कार्यक्रम निर्धारित था। सीएम जगदलपुर में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे हुए थे। जहां उन्हें कई योजनाओं का उद्घाटन करना था। इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के तमाम बड़े नेता, सरकार के मंत्री-अधिकारी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तत्कालीन विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी भी अपनी कार से रवाना हुए उनके साथ कार में गौ सेवा आयोग के सदस्य नरेंद्र यादव, जिला कांग्रेस के अध्यक्ष ठाकुर राम कश्यप भी थे। मनोज मंडावी की कार कोंडागांव नेशनल हाईवे के जुबानी कलार पर पहुंची ही थी कि तभी सामने से मवेशी आ गए। मांडवी के ड्राइवर ने कार को बचाने का बहुत प्रयास किया लेकिन आखिरकार कार पर से नियंत्रण खो दिया और इस हादसे में कार डगमगाते हुए बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। लेकिन राहत की बात यह रही थी इसमें कोई जनहानि नहीं हुई थी। विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी और उनके साथ कार सवार सभी लोग सुरक्षित थे। लेकिन इसके बाद अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत मनोज मंडावी सीएम के कार्यक्रम में शामिल होने जगदलपुर नहीं जा सके थे। जिला प्रशासन ने उन्हें दूसरी गाडी भेजकर वापस राजधानी रायपुर रवाना किया था।
इसके बाद मनोज मंडावी ने कहा था कि ईश्वर की कृपा से और जनता के आशीर्वाद से मैं पूरी तरह से सुरक्षित हूँ। तो इस तरह मनोज मंडावी मौत को चकमा देकर सकुशल वापस लौटे थे लेकिन इस बार 16 अक्टूबर को नियति को कुछ और ही मंजूर था न ही उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ और ना ही उन्हें चोट लगी उनकी धड़क ने धड़कना बंद कर दिया और अपने चिर-परिचित अंदाज के लिए जाने जाने वाला यह नेता सदा के लिए खामोश हो गया।