धमतरी । महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सशक्त बनाया जा रहा है। यही वजह है कि गौठानों की कार्याकल्प के साथ गौठानों का सुंदर स्वरूप ग्रामीणों के सामने आ रहा है। गौठानों को विभिन्न उत्पादों के माध्यम से विकसित किया जा रहा है, जिससे अधिकाधिक स्वसहायता समूह की महिलाओं को आजीविका के क्षेत्र में उत्तरोत्तर उन्नति के लिए प्रेरित किया जा सके। आज गौठानों में सिर्फ गोबर का संग्रहण और वर्मी खाद का निर्माण ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ शासन की ड्रीम प्रोजेक्ट सहित ग्रामीण संसाधनों के आधार पर समूह की महिलाओं को नियोजित करते हुए आर्थिक रूप से लाभान्वित किया जा रहा है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रोक्तिमा यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के मगरलोड विकासखंड के ग्राम पंचायत खिसोरा में प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना के तहत् महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क (रीपा) के माध्यम से स्थानीय कौशल को प्राथमिकता देते हुए ग्रामीण रोजगार के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की जा रही है वहीं ग्रामीण महिलाएं इस योजना के प्रारंभ से स्वरोजगार के प्रति स्वावलंबी बन रहे हैं। ग्राम खिसोरा में 8237.412 वर्गफीट क्षेत्र में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क (रीपा) में अगरबत्ती निर्माण, साबुन, फिनाइल एवं डिटर्जेंट उत्पादन इकाई, बेकरी यूनिट संचालित हैं। रीपा केन्द्र में संचालित इन गतिविधियों से महिलाओं को रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटकना नहीं पढ़ रहा है। ग्रामीण महिलाओं को आसानी से कार्य उपलब्ध हो रहा है। परिवार को संवारने के लिए खुशहाली का रास्ता रीपा केन्द्र से स्पष्ट परिलक्षित हो रही है।
अगरबत्ती निर्माण कार्य में लक्ष्मी दीप महिला स्वसहायता समूह की 07 महिलाएं एवं कबीर महिला स्वसहायता समूह की 10 महिलाएं साबुन, फिनाइल एवं डिटर्जेंट उत्पादन इकाई, धनलक्ष्मी स्वसहायता समूह की 10 महिलाएं शामिल हैं। इसी तरह बेकरी यूनिट कार्य में संजीवनी स्वसहायता समूह की 10 महिलाएं बड़ौदा आरसेटी से दस दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त कर विभिन्न गतिविधियों से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने वाली महिलाओं की संख्या गुणात्मक रूप से बढ़ रही है। लक्ष्मी दीप महिला स्वसहायता समूह, कबीर महिला स्वसहायता समूह ने अगरबत्ती उत्पाद से स्थानीय स्तर, किराना दुकान, हाट बाजार एवं मेला एवं पर्यटन स्थल पर विक्रय कर 16000 रूपये की शुद्ध आमदनी हुई है। धनलक्ष्मी स्वसहायता समूह, संजीवनी स्वसहायता समूह उत्पाद की बिक्री से 5000 हजार रूपये की शुद्ध आमदनी प्राप्त की। स्थापित रीपा केन्द्र में ग्रामीणों और स्वसहायता समूहों को ग्रामीण परिवेश के अनुकूल छोट-छोटे व्यवसायों से जोड़ा गया है इस व्ययसाय से समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से पहले से ज्यादा सशक्त हो रही हैं। रीपा केन्द्र से मिल रही सुविधाओं से प्रसन्नता जाहिर करते हुए महिलाओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित जिला प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित किया।