रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सिर्फ 58 किमी दूर नेवरा-तुलसी गांव प्रदेश में इसलिए चर्चित हो गया कि यहां घर-घर में यू-ट्यूबर्स हैं। जुनून ऐसा है कि सरकारी नौकरी छोड़कर युवा यू-ट्यूब से पैसा कमा रहे हैं। यहां के 60 प्रतिशत से अधिक नौजवान, बच्चे, बूढ़े और महिलाएं वीडियो तथा रील्स में एक्टिंग कर रही हैं। इस गांव के 40 से ज्यादा यू-ट्यूब चैनल हैं, जिनके लाखों सबस्क्राइबर लाखों में हैं।
इसे देखते हुए सरकार ने इस गांव में हाईटेक स्टूडियो बनाने का फैसला किया है। इसमें करीब 1 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। नेवरा-तुलसी के लोगों ने प्रशासन से कई बार मांग की थी कि स्टूडियो बनाया जाए। इस मामले में जिला पंचायत ने उनकी मदद की। अब यह प्रदेश का पहला ऐसा गांव बन जाएगा जहां यू-ट्यूबरों के लिए शासन स्टूडियो बनाकर दे रहा है। इसके बाद गांववाले यहीं वीडियो की एडिटिंग, शूटिंग, वाइस ओवर आदि आसानी से कर सकेंगे। ग्रामीणों के मुताबिक हमारी 7-8 कल्चरल फिल्मों की स्क्रिप्ट तैयार है। स्टूडियो बनते ही शूटिंग शुरू कर देंगे।
महिलाएं भी आईं एक्टिंग में गांव की पिंकी साहू, काजल और आरती आर्टिस्ट हैं। वो बताती हैं कि जब से यहां वीडियो कंटेंट बन रहे हैं, महिलाओं को काम मिल रहा है। वे वीडियोज में डेढ़ साल से एक्टिंग कर रही हैं। यहां की महिलाएं पहले घरों से कम निकलती थीं, लेकिन अब सोच बदली है। महिलाएं फिल्म और रील बनाने में भाग ले रही हैं, अच्छी एक्टिंग भी करने लगी हैं। अगर आप इस गांव में जाएं, तो लोग गलियों में वीडियो बनाते हुए दिख जाएंगे। गांव के लोग ही बताते हैं कि यहां 85 साल की दादी से लेकर 15 साल का पोता तक सभी एक्टिंग भी कर लेते हैं।
यू-ट्यूबर बनने की शुरुआत ऐसे:-
ज्ञानेंद्र एसबीआई में नेटवर्क इंजीनियर काम करते थे। 2013-14 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और 2016 में अपने दोस्तों के साथ मिलकर विंग छत्तीसगढ़िया चैनल के नाम से छत्तीसगढ़ी में शार्ट कॉमेडी फिल्म बनाई। इसे मोबाइल से शूट कर, एडिट कर यू-ट्यूब पर डाला गया। पिक्चर क्वालिटी खराब थी, फिर भी इसे खूब पसंद किया गया। इसके बाद गांव की रामलीला मंडली साथ में जुट गई। अब तक यहां 400 के आसपास वीडियो बना चुके हैं और इस चैनल के 1.21 लाख सब्सक्राइबर हैं। इसके बाद चैनल खुलने लगे और अब लगभग 40 यू-ट्यूब चैनल हैं। इसमें गांव के लोग अलग-अलग थीम पर शार्ट फिल्म बनाकर अपलोड कर रहे हैं।
स्टूडियो में बनेंगे 4 K वीडियो:-
जय वर्मा एमएससी करने के बाद कोचिंग करते हैं। उन्होंने बताया कि गांव की 4 हजार आबादी है और 60 प्रतिशत लोग यू-ट्यूबर्स है। गांव के आसपास स्टूडियो नहीं है। 10 मिनट का वीडियो एक्सपोर्ट करना पड़ता है, तो इसमें 7-8 घंटे लग जाता है। वर्मा तथा ग्रामीणों के अनुसार हाईटेक स्टूडियो बनने से वीडियो क्वालिटी और एडिटिंग अच्छी होगी।
गांव में कई म्यूजिक चैनल है, उनके गाने रायपुर में रिकार्ड होते हैं। स्टूडियो बनने से यह भी गांव में ही हो जाएगा। अभी लोग 720 पिक्सल या फिर 4-के देखते हैं। लेकिन गांव में वीडियो एचडी बनते हैं, जिसमें पिक्चर क्वालिटी डल रहती है। यह बेहतर होगी तो गांव वालों की आय बढ़ेगी। यहां की संस्कृति और कल्चर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सकेगा।