फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) का अनुमान, भारत में बैंकिंग सेक्टर पर आ सकती है बड़ी आफत

नईदिल्ली, रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ( Fitch Ratings) ने जो अनुमान जारी किया है, वो भारत के लिए बुरी खबर ला सकता है. फिच ने कहा है कि भारत का बैंकिंग सेक्टर कोरोना वायरस महामारी से संबंधित व्यवधानों के कारण पूंजी की कमी का सामना कर सकता है. फिच रेटिंग्स ( Fitch Ratings) के अनुसार, भारतीय बैंकों को कम से कम 15 अरब डॉलर की नई पूंजी की जरूरत पड़ सकती है, ताकि वे एक मध्यम दर्जे के तनाव परिदृश्य के तहत अनुमानित औसत कॉमन इक्विटी टियर 1 अनुपात के 10 प्रतिशत को पूरा कर सकें.
58 अरब डॉलर हो सकती है पूंजी की जरूरत: फिच
एजेंसी ने एक बयान में कहा है कि यदि घरेलू अर्थव्यवस्था कोरोनावायरस महामारी से संबंधित व्यवधानों से नहीं उबर पाती है तो ऐसी उच्च संकटपूर्ण स्थिति में पूंजी की जरूरत बढ़कर 58 अरब डॉलर हो सकती है. फिच ने कहा है कि सरकारी बैंकों को बल्क में पुनर्पूजीकरण की जरूरत होगी, क्योंकि सरकारी बैंकों में पूंजी क्षरण का जोखिम निजी बैंकों की तुलना में काफी अधिक है.
विश्वबैंक ने कहा कि वह कोविड- 19 से प्रभावित 15 करोड़ सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) की मदद के लिए भारत को 75 करोड़ डालर का बजट समर्थन देगा. विश्व बैंक के भारत में निदेशक जुनैद अहमद ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत एमएसएमई को समर्थन के लिये भारत सरकार के 3.7 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की सराहना करते हुये कहा कि रिजर्व बैंक ने भी बाजार में बैंकों अथवा भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) सहित विभिन्न साधनों के जरिये बाजार में तलरता बढ़ाने के उपाय किये हैं। विश्व बैंक की तरफ से 75 करोड़ डालर का यह समर्थन इससे पहले सामाजिक स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये घोषित 2 अरब डालर के वित्तपोषण के अतिरिक्त है.
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