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राजनीती में ऐसे हुआ अंबिका सिंहदेव आगमन,इतने करोड़ की संपत्ति की हैं इकलौती मालकिन

नमस्कार दोस्तों, फोर्थ आई न्यूज़ में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। दोस्तों इन दिनों प्रदेश में कोरिया ज़िले की बैकुंठपुर विधानसभा सीट से विधायक अम्बिका सिंहदेव की बड़ी चर्चा हो रही है, आखिर यह चर्चा क्यों है इसपर हमने पहले से ही वीडियो बना रखा है, अगर आपने वो वीडियो नहीं देखा है तो ऊपर आई बटन पर क्लिक करके देख सकते हैं। आज हम आपको विधायक अम्बिका सिंहदेव के बारे में बताने जा रहे हैं।

विधायक अंबिका सिंहदेव के पिता का नाम महेंद्र प्रताप सिंहदेव था। वहीं उनके चाचा छत्तीसगढ़ के पहले वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव थे। विधायक अंबिका सिंहदेव के काका और कोरिया राजघराने के रामचंद्र सिंहदेव ने 1967 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। अविभाजित मध्यप्रदेश में एक ऐसा दौर भी आया था, जब 1967 में चुनाव जीतने के बाद रामचंद्र सिंहदेव ने एक साथ 16 विभाग संभाले थे। यह उस वक्त का रिकॉर्ड था। इसके बाद से वे अब तक 6 बार चुनाव जीतकर अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्री पदों पर आसीन रहे थे। वो कोरिया नरेश और कोरिया कुमार के नाम से भी विख्यात थे। उनकी मौत 5 साल पहले हो गई थी।

अंबिका का जन्म 12 फरवरी 1968 को कोलकाता में हुआ था। उन्होनें कोलकाता के शिवनाथ शास्त्री कॉलेज से बीकॉम में ग्रेजुएशन किया है, साल 1988 में उनकी शिक्षा पूरी हुई जिसके बाद उनकी शादी अमिताभ घोष से 20 अप्रैल 1996 में हुई थी। महिला विधायक ने बीकॉम की डिग्री हासिल की है। साथ ही इन्होंने इंटीरियर डेकोरेशन का भी कोर्स किया है। इनके 2 बेटे हैं। अभी इनके पति और दोनों बेटे लंदन में रहते हैं, जबकि वे अकेली बैकुंठपुर के रामानुज विलास पैलेस में रहती हैं। अंबिका कभी राजनीति में नहीं रहीं। अपने काका रामचंद्र सिंहदेव के निधन के बाद उन्होंने बैकुंठपुर विधानसभा से चुनाव लड़ा और पहली बार 2019 में विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं। अम्बिका ने भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे भैयालाल राजवाड़े को हराया।

साल 2020 में उन्हें संसदीय सचिव (मंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग से संबद्ध) बनाया गया। 2020-21 में उन्हें सदस्य, महिलाओं एवं बालको के कल्याण संबंधी समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा बनाया गया। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता भैयालाल राजवाड़े को हरा दिया था। अंबिका सिंहदेव को 48 हजार 885 वोट मिले थे। भूपेश सरकार में उन्हें संसदीय सचिव बनाया गया।

अब बात करते हैं अम्बिका सिंहदेव की संपत्ति की, साल 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में दिए शपथ पत्र में उन्होनें बताया था कि उनके खुद के नाम पर उनके पास 2,58,370 की आय है, वहीं उनके पति के पास s 21,50,000 की आय है। विधानसभा चुनाव के दौरान अम्बिका सिंहदेव के पास कुल 73,613 रुपए कॅश में था, विभिन्न बैंक खातों में 18,99,172 की राशि जमा थी। उनके पास किसी भी तरह के बांड्स, शेयर्स और पालिसी नहीं थी। हलफनामे में उन्होनें अपने पास कुल 55,35,655 रुपए की ज्वेलरी दर्शाई है। कुल मिलकर उनके पास चल सम्पत्ति कुल 77,31,492 रुपए की शपथ पात्र में दर्शाई गई है।

अचल सम्पत्तियों की बात करें तो उनके पास किसी भी प्रकार की कृषि भूमि नहीं होने की बात बताई गई है, कमर्शियल बिल्डिंग के नाम पर 2,40,000 रुपए की प्रॉपर्टी है। वहीं रेजिडेंशियल बिल्डिंग 3,85,00,000 रुपए की है। कुल मिलकर उनके पास 3,87,40,000 रुपए की अचल सम्पति और 77,31,492 रुपए की चल सम्पत्ति है।

वैसे अम्बिका सिंहदेव साधन संपन्न परिवार से आतीं हैं, केवल अपने परिवार की रियासत को आगे बढ़ाने के लिए वो राजनीती में आई हैं, उनका कहना भी यही है कि राजनीती उनके लिए जनसेवा का माध्यम है और इस बार उठे विवाद के बावजूद भी वो कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहती हैं, मगर दोस्तों क्या आपको लगता है कि क्षेत्र की जनता दोबारा उन्हें इस सीट से मौका देगी ? या फिर उनके प्रतिद्वंदी भैय्यालाल रजवाड़े उनपर भारी पड़ेंगे।

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