
रायपुर। छत्तीसगढ़ में लंबे समय से नौकरी की बहाली की उम्मीद लगाए बैठे बर्खास्त बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों के लिए राहत की खबर आई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। सरकार ने 2621 बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों को विज्ञान प्रयोगशाला सहायक शिक्षक के रूप में समायोजित करने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि यह फैसला उन शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अयोग्य करार देते हुए पद से हटा दिया गया था।
गौरतलब है कि बीते 18 अप्रैल को इन बर्खास्त शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री साय से मिला था। यह मुलाकात बीते 126 दिनों से चल रहे शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन के बाद हुई, जिसमें सेवा, सुरक्षा और समायोजन की मांग की जा रही थी। मुख्यमंत्री से मिले भरोसे के बाद शिक्षकों ने आंदोलन को स्थगित कर दिया था।
मूल विवाद सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश से जुड़ा है, जिसमें कहा गया कि प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने के लिए D.Ed की योग्यता अनिवार्य है, और इस आधार पर बीएड डिग्रीधारियों को अयोग्य माना गया था। हालांकि, सरकार ने पहले इन शिक्षकों की सशर्त नियुक्ति दी थी, जिसमें यह स्पष्ट था कि उनकी नौकरी सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी।
सरकार की इस घोषणा के बाद अब यह संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश में विज्ञान विषय के हजारों रिक्त पदों पर इन्हीं बर्खास्त शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। शिक्षकों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि जल्द ही उन्हें औपचारिक रूप से नियुक्ति पत्र मिलेंगे और वे फिर से बच्चों को ज्ञान देने के अपने दायित्व को निभा सकेंगे।