शिक्षक दिवस पर बच्चों के लिए विज्ञान की नई उड़ान — ‘मिशन अंतरिक्ष’ और ‘प्रोजेक्ट जय विज्ञान’ की शुरुआत

रायपुर। शिक्षक दिवस के खास मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री निवास परिसर से स्कूली बच्चों के लिए विज्ञान और अंतरिक्ष से जुड़ी दो बड़ी पहल — मिशन अंतरिक्ष और प्रोजेक्ट जय विज्ञान का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य बच्चों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति रुचि, जिज्ञासा और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर रायपुर जिला प्रशासन ने ‘इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ यंग माइंड फाउंडेशन’ और ‘विज्ञान भारती’ के साथ दो महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनसे छात्रों को अंतरिक्ष से जुड़ी गहन जानकारी और सीखने के नए अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने देश के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को सफल अंतरिक्ष यात्रा के लिए बधाई दी और उनका सम्मान किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज की रीढ़ होते हैं और उनके योगदान को नमन करते हुए सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने रायपुर प्रशासन की इस पहल की सराहना की और कहा कि इन कार्यक्रमों के जरिए विद्यार्थियों में तार्किक सोच, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित होगी। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन की सोच और दृष्टि है।
‘प्रोजेक्ट जय विज्ञान’ के तहत आयोजित की जाने वाली कार्यशालाएं, विज्ञान प्रदर्शनियाँ, प्रतियोगिताएँ और नवाचार परियोजनाएँ छात्रों को सीखने का मौका देंगी और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाएँगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बच्चे केवल ज्ञान के उपभोक्ता नहीं, बल्कि खोज और नवाचार के निर्माता बनें — यही आत्मनिर्भर भारत की सच्ची बुनियाद है।
बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने अपील की कि वे शुभांशु शुक्ला से प्रेरणा लें और अपने रुचि के क्षेत्र में आगे बढ़कर देश का नाम रोशन करें।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि जो अवसर उन्हें देश ने दिया, उसे वे अगली पीढ़ी तक पहुँचाना अपना कर्तव्य मानते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जब किसी राज्य का नेतृत्व विज्ञान और शिक्षा को प्राथमिकता देता है, तो इसका प्रभाव पूरे समाज पर पड़ता है और नई ऊँचाइयों तक पहुँचने की प्रेरणा मिलती है।
इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह, विभिन्न जिलों के छात्र-छात्राएँ और शिक्षक मौजूद थे।