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‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की बड़ी तैयारी: अमेरिका से बरसेगा ‘एक्सकैलिबर’ और ‘जेवलिन’ का आतंक, पाकिस्तान की नींद उड़ गई

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के ठिकानों को तबाह करने के बाद अब भारत ने एक और बड़ा कदम उठा लिया है। भारतीय सेना की मारक क्षमता को दोगुना करने के लिए अमेरिका से आपात आधार पर सटीक-निर्देशित मिसाइलें और गोला-बारूद खरीदने की मंजूरी दी गई है।

इस डील में शामिल हैं — दुनिया में सबसे सटीक माने जाने वाले Excalibur Smart Artillery Shells और Javelin Anti-Tank Missiles, जो अब भारतीय हथियार भंडार में शामिल होने वाली हैं।

अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने इस खरीद को मंजूरी दे दी है और अमेरिकी कांग्रेस को औपचारिक सूचना भी भेज दी गई है। मंजूरी मिलते ही सप्लाई शुरू होने वाली है — और यही भारत की तेजी से बढ़ती सैन्य तैयारी का सबसे बड़ा संकेत है।

एक्सकैलिबर राउंड: 50 KM दूर दुश्मन के बंकर में फटने वाला ‘स्मार्ट गोला’

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारी मात्रा में इस्तेमाल होने के बाद भारत को इसकी फिर से ज़रूरत पड़ी।

💥 यह 155mm का स्मार्ट प्रोजेक्टाइल है।
💥 GPS + advanced guidance system इसे हर मौसम में सटीक बनाते हैं।
💥 50 KM दूर दुश्मन के बंकर पर 10 मीटर से भी कम त्रुटि के साथ गिरता है।
💥 M777 Ultra-Light Howitzer और K9 Vajra जैसी तोपों से दागा जा सकता है।

साधारण भाषा में — दूर बैठकर दुश्मन के सुरक्षित बंकर को भी पिन-पॉइंट प्रिसिजन से उड़ाना — यही एक्सकैलिबर की असली ताकत है।

जेवलिन मिसाइल: ‘Fire and Forget’—टैंकों का सबसे बड़ा दुश्मन

भारत 101 जेवलिन मिसाइल राउंड और 25 लॉन्च सिस्टम खरीदेगा।

यह मिसाइल टैंक को ऊपर से हिट करती है — जहां उसका कवच सबसे कमजोर होता है।
इसे लॉन्च करने के बाद ऑपरेटर को लक्ष्य देखने की या मिसाइल को गाइड करने की ज़रूरत नहीं होती।

यानी — लक्ष्य लॉक करो, फायर करो और तुरंत कवर में चले जाओ — मिसाइल बाकी काम खुद करेगी।

आपातकालीन खरीद: डील तेज़, सप्लाई और तेज़

भारत इस पूरी खरीद को Emergency Procurement System में कर रहा है — यानी मंजूरी के कुछ ही हफ्तों बाद अनुबंध साइन होगा और सप्लाई 1 साल के अंदर शुरू।

216 Excalibur Shells — $47.1 Million

101 Javelin Missiles + Launch Units — $45.7 Million

इस पूरी डील पर $92 Million+ खर्च होंगे — लेकिन रणनीतिक प्रभाव इससे कहीं बड़ा है।

🛰️ रणनीतिक संदेश साफ़ — भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि पहले से तैयार रहेगा।

अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने भी इस खरीद पर कहा है—

यह सौदा भारत की वर्तमान और भविष्य के खतरों को जवाब देने की क्षमता को मजबूत करेगा और उसके क्षेत्रीय प्रतिरोध को बढ़ाएगा।
(अर्थात… संकेत सीधा है — पाकिस्तान और चीन समझ लें।)

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