कोरिया में शिक्षा और पोषण का नया मॉडल: आधुनिक आंगनबाड़ी केंद्र बन रहे नौनिहालों की उम्मीद

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में आंगनबाड़ी सेवाओं का तेजी से विस्तार अब ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों के बच्चों के जीवन में बड़ा बदलाव ला रहा है। कभी सिर्फ पोषण का केंद्र माने जाने वाले ये आंगनबाड़ी भवन अब प्रारंभिक शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और अनुशासन का मजबूत आधार बनते जा रहे हैं।
पिछले 10 सालों में महात्मा गांधी नरेगा और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त प्रयासों से जिले में 148 नए आंगनबाड़ी भवन तैयार किए जा चुके हैं। इस पहल ने हजारों बच्चों को बेहतर पोषण, शिक्षा गतिविधियों और सुरक्षित वातावरण से जोड़कर उनके भविष्य की नींव मजबूत की है।
वनांचल क्षेत्र सोनहत में 26 और बैकुण्ठपुर ब्लॉक में 122 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण पूरा हुआ है। निर्माण के लिए सोनहत में 133 लाख रुपये और बैकुण्ठपुर में 9 करोड़ 9 लाख रुपये से अधिक की राशि मंजूर की गई। नए मानकों के अनुसार प्रत्येक भवन पर 11.69 लाख रुपये लागत निर्धारित है, जिसमें से 8 लाख रुपये मनरेगा के माध्यम से उपलब्ध होते हैं। वर्ष 2024 से पहले इस लागत का मानक 6.45 लाख रुपये था।
निर्माण प्रस्ताव जनपद पंचायतों द्वारा भेजे जाते हैं और प्रशासकीय स्वीकृति कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक मनरेगा द्वारा दी जाती है। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक निर्माण कार्य ग्राम पंचायत की निगरानी में पूरा किया जाता है।
हाल ही में जिले के लिए और बड़ी मंजूरी मिली है— सोनहत क्षेत्र में 2 और बैकुण्ठपुर में 23 नए भवनों के निर्माण को हरी झंडी मिल चुकी है। सभी कार्यों को प्राथमिकता के साथ तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
आंगनबाड़ी केंद्रों का यह विस्तार अब सिर्फ विकास का संकेत नहीं, बल्कि कोरिया जिले में बच्चों के जीवन मानक को बदलने वाली एक प्रेरक कहानी बन रहा है।




