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रामनगरी में ऐतिहासिक क्षण: आज मोदी राममंदिर शिखर पर फहराएंगे धर्मध्वज

अयोध्या में आज एक और ऐतिहासिक पल दर्ज होने जा रहा है। दिव्य राममंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा धर्मध्वज फहराए जाने के साथ, 25 नवंबर की तारीख हमेशा के लिए इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो जाएगी।
यह अवसर केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि करोड़ों रामभक्तों के आस्था, भाव और गर्व का प्रतीक बन चुका है।

प्रधानमंत्री सुबह 9:35 बजे रामनगरी पहुंचेंगे, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत पहले ही अयोध्या पहुंच चुके हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सहित करीब छह हजार विशेष अतिथि इस शुभ अवसर के साक्षी बनेंगे।

राममंदिर परिसर में पीएम मोदी पहले सभी उपदेवताओं के मंदिरों में पूजा करेंगे, फिर विशेष आरती के बाद अभिजित मुहूर्त (11:58–12:30 बजे) में धर्मध्वज की स्थापना करेंगे। इसके बाद वह उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित भी करेंगे।

18 फीट लंबा ध्वज — प्रतीक गौरव का

मुख्य शिखर पर लगने वाला ध्वज 18 फीट लंबा और 9 फीट चौड़ा होगा, जबकि उप मंदिरों पर छोटे आकार के ध्वज लगाए जाएंगे। सभी ध्वज केसरिया रंग में बने हैं, जिन पर ऑंकार (ॐ), सूर्यवंश का प्रतीक सूर्य और कोविदार वृक्ष अंकित हैं—जो रामायण और सनातन परंपरा की गहराई का प्रतीक हैं।

ध्वज के लिए पैराशूट फैब्रिक का उपयोग हुआ है, ताकि तीव्र हवा में भी यह सुरक्षित रहे। मंदिर परिसर में ऐसे कुल 125 ध्वज तैयार किए गए हैं, और इन्हें हर 15 दिन में बदला जाएगा।

विवाह पंचमी का शुभ संगम

यह संयोग और भी खास इसलिए है क्योंकि आज भगवान राम और माता सीता का विवाह दिवस—विवाह पंचमी भी है। इस मौके पर रामलला के लिए सोने की तारों से कढ़ाई की गई पीतांबरी और पश्मीना शाल तैयार की गई है, वहीं माता सीता के लिए रेशमी साड़ी विशेष रूप से लाई गई है।
इन वस्त्रों को अंबेडकरनगर के प्रसिद्ध डिजाइनर मनीष तिवारी ने तैयार करवाया है।

अयोध्या में सुरक्षा सबसे चाक-चौबंद

अयोध्या में सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं।
करीब 6,970 सुरक्षा कर्मी, NSG कमांडो, स्नाइपर और साइबर यूनिट्स तैनात हैं।
मंदिर क्षेत्र में एंटी-ड्रोन प्रणाली, विस्फोटक जांच और आपातकालीन टीमें पूरी तरह सक्रिय हैं।

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