जांजगीर-चांपा में अवैध दवा कारोबार पर अदालत की कड़ी कार्रवाई, प्रदेशभर में नशा मुक्ति अभियान तेज

जांजगीर-चांपा जिले में बिना वैध लाइसेंस के दवाओं का भंडारण और संचालन करने वालों के खिलाफ विशेष न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए दो अहम मामलों में कठोर सज़ा सुनाई है।
पहले मामले में विशेष प्रकरण क्रमांक 01/2024 के तहत तिलई निवासी मनीष पूरन विश्वास को दवा अधिनियम के उल्लंघन का दोषी मानते हुए 6 माह सश्रम कारावास और 20,000 रुपये अर्थदंड दिया गया।
दूसरे मामले में प्रकरण क्रमांक 05/2024 में बलौदा के प्रणव दत्त पांडेय को अवैध दवा कारोबार में संलिप्त पाए जाने पर कुल 3 वर्ष 6 माह की सश्रम सजा और 1 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि बिना वैध लाइसेंस दवाइयों का भंडारण या बिक्री करना गंभीर अपराध है। ऐसी अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि दवाइयाँ केवल लाइसेंसशुदा दुकानों से ही खरीदें।
प्रदेशभर में जागरूकता कार्यक्रम:
राज्य भर में नशा मुक्ति और तंबाकू नियंत्रण को लेकर व्यापक IEC गतिविधियाँ आयोजित की गईं। महासमुंद के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में छात्रों को नशामुक्त भारत अभियान, ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट और COTPA Act की जानकारी देकर शपथ दिलाई गई।
बिलासपुर के माता शबरी कॉलेज में आयोजित कार्यशाला में नशे के दुष्प्रभाव, तंबाकू निषेध नियम और स्वस्थ जीवनशैली पर विस्तृत चर्चा हुई। कॉलेज प्रशासन ने समाज के लिए नशा मुक्ति को आवश्यक बताते हुए छात्रों को जागरूक रहने की सलाह दी।
COTPA Act के तहत सख्त कार्रवाई:
जनस्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए महासमुंद, मनेन्द्रगढ़–भरतपुर–चिरमिरी और रायपुर जिलों में औषधि निरीक्षकों ने स्कूल–कॉलेजों के आसपास तंबाकू बेचने वाले दुकानदारों और सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर कार्रवाई की।
एक सप्ताह में कुल 18,700 रुपये का जुर्माना वसूला गया। विभाग ने कहा कि ऐसी कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।



