छत्तीसगढ़रायपुर

विदेशी छात्र हिन्दी में कर रहे पृथ्वी और पर्यावरण संरक्षण की बातें

रायपुर

भाषाई विविधता के साथ दुनियाभर में लोगों के चेहरे मोहरे भी अलग-अलग होते हैं। विदेशी चेहरों को देखकर लोग यही उम्मीद करते हैं कि इनसे अंग्रेजी या इनकी भाषा में ही संवाद हो सकता है, लेकिन कोई दूसरे देश का व्यक्ति अगर आप के पास आकर आपकी ही भाषा में बात करे तो एक खुद अनुभूति का अहसास होता है। छत्तीसगढ़ में इन दिनों दक्षिण कोरिया और रूस से कुछ छात्र आए हैं जो यहां अलग-अलग शहरों में यात्राएं कर रहे हैं और लोगों के साथ हिन्दी में पृथ्वी संरक्षण से जुड़ी बातें कर रहे हैं।

शोध और पर्यटन के उद्देश्य से आ रहे विदेशी छात्र

आसेसे चर्च ऑफ गॉड के विश्वविद्यालय के छात्र और छात्राएं प्रदेश के शहर में घूम-घूम कर आम जनों को पृथ्वी संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा तो मिल ही रहा है साथ ही आम जन पृथ्वी संरक्षण विषय की महत्वपूर्ण जानकारी पा रहे हैं। सात छात्र-छात्राओं की टीम ने बकायदा हिंदी सिखी और आम जन को फायदा पहुंचा रहे हैं। इन छात्रों को महापौर प्रमोद दुबे ने सम्मानित भी किया है। गुरूवार को छात्रों ने पूरे मरीन ड्रॉइव को साफ किया और आमजनों को जागरूक किया।

बुधवार को रायपुर पहुंची रशिया से रायपुर पहुंची याना को प्रदेश का बस्तर खूब पसंद आया। उन्हानें कहा कि अभी मैं बूढ़ा तालाब घूमने आई हूं। छत्तीसगढ़ काफी हरा-भरा है। मैं अपने तीन दोस्त प्रशवसनी और लेडो के साथ आई हूं। मुझे बूढ़ा तालाब में बोडिंग करने और गुपचुप खाने में खूब मजा आया।

पर्यटकों को इस लिए भा रहा छत्तीसगढ़

प्रदेश में बढ़ती विदेशी पर्यटकों की संख्या के तीन मुख्य कारण हैं। पहला प्रदेश के प्रति विदेशियों का बढ़ता शोध, दूसरा प्रदेश में विदेशियों द्वारा चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान और तीसरा है पर्यटन। इन बिंदुओं से प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। पर्यटन मंडल के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में मानसून से लेकर ठंड तक पर्यटन पर्यटकों के लिए बेहतर है। 15 जून से पर्यटक प्रदेश में आना शुरू करते हैं। उसमें बस्तर का चित्रकोट, तीरथगढ़ सैलानियों को भाता है। उसके बाद ठंड की शुरूआत होते ही मैनपाठ, बारनवा पारा, अचानक मार अभ्यारण, बस्तर का दशहरा पर्यटकों को खूब लुभाता है। वहीं गंगरेल में गोवा की अनुभूति और रायपुर का जंगल सफारी से पर्यटक अपने आप खिंचे चले आ रहे हैं।

फैक्ट फाइल

प्रदेश में पर्यटन स्थल में आने वाले पर्यटकों की संख्या

2016 – स्थानीय पर्यटक – 16290471, विदेशी – 9216

2017 – स्थानीय पर्यटक – 17359010, विदेशी – 6701

2018 – स्थानीय पर्यटक – 19329501, विदेशी – 14399

(छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अनुसार )

प्रमुख पर्यटन स्थल

– गंगरेल बांध- गोवा की तर्ज पर तैयार किया गया कृत्रिम बीच

– तीरथगढ़ बस्तर की मनमोहक वादियां

– चित्रकोट- प्रदेश का नियाग्रा फाल

– बारनवापारा- अचानकमार अभयारण्य

– जंगलसफारी- एशिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित जंगल

https://www.youtube.com/watch?v=kJIxZNeP8Jg

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