दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित का निधन

नई दिल्ली। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित का शनिवार को 81 साल की उम्र में निधन हो गया. दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में उन्होंने शनिवार को अंतिम सांस ली.
परिजनों के मुताबिक, उनका लंबे समय से स्वास्थ्य खराब चल रहा है, जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था. दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में मेट्रों की सौगात देने के लिए हमेशा से याद की जाने वाली शीला दीक्षित गांधी परिवार की करीबी थीं.
तीन बार रहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री
15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहने वालीं शीला दीक्षित 1984 से 89 तक वे उत्तर प्रदेश के कन्नौज क्षेत्र से सांसद रह चुकी हैं. इस दौरान वे लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं. वह राजीव गांधी सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं.
आप की आंधी में चली गई सरकार
शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. हालांकि, 2013 में आम आदमी पार्टी के उफान में शीला दीक्षित की सरकार बह गई. हालांकि, 1998 में ही लोकसभा चुनाव में शीला दीक्षित कांग्रेस के टिकट पर पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ीं, मगर जीत नहीं पाईं. इसके बाद वह 2014 में केरल की राज्यपाल भी रहीं.
मिरांडा हाउस से किया इतिहास में एमए
शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ है. शीला दीक्षित ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की है. उनका विवाह उन्नाव (यूपी) के आईएएस अधिकारी विनोद दीक्षित से हुआ था. विनोद कांग्रेस के बड़े नेता और बंगाल के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे. शीला दीक्षित एक बेटे और एक बेटी की मां हैं. उनके बेटे संदीप दीक्षित भी दिल्ली के सांसद हैं.