क्या है निजामुद्दीन मरकज और सरकारी कर्मियों के मोबाइल नंबर का कनेक्शन?

दिल्ली.(Fourth Eye News) दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज मामले में जांच कर रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम जांच के दौरान विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में काम करने वाले कर्मचारियों तक जा पहुंची है। पुलिस टीम इनके मोबाइल नंबरों की मदद से इन लोगों तक पहुंची, जिसके बाद सभी कर्मचारियों के बयान दर्ज कर पुलिस ने उन्हें 14 दिनों तक अपने घरों में क्वारंटाइन में रहने के लिए कहा है। इसका उद्देश्य यह है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी निजामुद्दीन स्थित मरकज में रहने वाले लोगों के संपर्क में आया हो तो वह खुद और परिवार के अन्य सदस्यों को सुरक्षित रख सके। खास बात यह है कि ये कर्मचारी मरकज में शामिल नहीं हुए थे लेकिन बगल में एक सरकारी दफ्तर होने की वजह से उनके नंबर रडार पर आ गए हैं।
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डंप डाटा की मदद से आए रडार में
मरकज मामले की जांच टीम ने नंबर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी से इस इलाके में लगे मोबाइल टावरों का डंप डाटा लिया था। इस डंप डाटा की मदद से पुलिस ने 7000 हजार ऐसे नंबरों की पहचान की गई थी, जो पूरे दिन इस इलाके में रहते थे। पुलिस ने इन सभी नंबरों की जांच की तो सामने आया कि बहुत से नंबर ऐसे थे, जो रोज इस इलाके में आते थे। पुलिस ने इन नंबरों की जानकारी निकाली तो सामने आया कि ये भारत सरकार के कर्मचारी हैं और काम के लिए इलेक्ट्रॉनिक निकेतन में आते हैं। पुलिस ने इन सभी लोगों से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए।
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क्वारंटाइन में रहेंगे कर्मचारी
पुलिस ने इन सभी केंद्री कर्मचारियों के बारे में स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी। निजामुद्दीन के पास कार्यालय होने के चलते पुलिस को संदेह है कि यह कर्मचारी जमात में आए लोगों के संपर्क में न आ गए हों। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस इन सभी लोगों पर नज़र रख रही है। फिलहाल सभी कर्मचारियों को अपने घरों में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन में रहने के लिए बोला गया हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी लोगों से सम्पर्क कर उनकी जांच करने की तैयारी में हैं।