आंद्रे रसेल की विदाई एक यादगार सफर का अंत

वेस्टइंडीज क्रिकेट का एक चमकता सितारा, आंद्रे रसेल, अब अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की आखिरी पारी खेलने जा रहा है। जमैका के सबीना पार्क में 20 और 22 जुलाई को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले दो टी20 मैचों के बाद रसेल इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। ये वही मैदान है जहां से उन्होंने क्रिकेट के सफर की शुरुआत की थी—और अब यहीं उनका आखिरी झुकाव होगा।
141 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेलने वाले इस ऑलराउंडर ने वेस्टइंडीज के लिए कई यादगार पल गढ़े, लेकिन अगर किसी एक लम्हे को अमर कहा जाए, तो वो होगा 2016 टी20 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल। मुंबई के वानखेड़े में भारत के खिलाफ रसेल की 20 गेंदों में नाबाद 43 रन की पारी ने इतिहास रच दिया था। आखिरी ओवर में विराट कोहली की गेंद पर मारा गया वो छक्का—सिर्फ एक रन नहीं, बल्कि एक पूरी कौम की उम्मीद थी।
“वो पल मेरी जिंदगी का सबसे गर्व भरा लम्हा था,” रसेल ने याद करते हुए कहा। “भारत का पूरा स्टेडियम उनकी टीम को सपोर्ट कर रहा था, पर ड्रेसिंग रूम में जो विश्वास था, वही मेरी ताकत बना।”
उसी वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को फाइनल में हराकर चार साल में दूसरी बार ट्रॉफी उठाई। रसेल दोनों बार चैंपियन टीम का हिस्सा रहे। “वर्ल्ड कप जीतने के बाद की रातें खास होती हैं। आप बस दो घंटे सोते हैं लेकिन थकान नहीं होती, क्योंकि सोशल मीडिया पर हर जगह जश्न होता है—वो सब देखकर दिल भर आता है,” रसेल बोले।
अब, जब करियर का सूरज अस्त हो रहा है, रसेल संतुष्ट हैं। “मैंने हमेशा वेस्टइंडीज के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। सबीना पार्क पर विदा लेना मेरे लिए सपना सच होने जैसा है। जहां से शुरुआत हुई, वहीं खत्म करना मेरे लिए गर्व की बात है।”
आंद्रे रसेल सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं थे—वे जुनून, आत्मविश्वास और मनोरंजन की मिसाल थे। उनकी आखिरी दो पारियां सिर्फ मैच नहीं होंगी, वो एक युग की विदाई होंगी।