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पंचवर्षीय समीक्षा दल में धान परियोजना में किये गए कार्यो की सराहना

रायपुर

अखिल भारतीय धान अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर और अम्बिकापुर केन्द्रों सहित मध्य क्षेत्रों के कुल नौ केन्द्रों में पिछले पांच वर्षांे मंे किये गए कार्याें की पंचवर्षीय समीक्षा दल द्वारा समीक्षा की गई। कृषि महाविद्यालय रायपुर में आयोजित दो दिवसीय समीक्षा बैठक में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के चार केन्द्रों के अलावा रीवां, वारासिवनी, सिंदेवाही, जबलपुर तथ साकोली केन्द्रों के वैज्ञानिकों ने परियोजना के तहत किये गए कार्याें तथा उपलब्धियों की जानकारी प्रस्तुत की। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एस.के. पाटील ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि  इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में धान की फसल पर महत्वपूर्ण अनुसंधान हुए हैं, अब इन अनुसंधानों को किसानों तक पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रयास से जीराफूल धान को भौगोलिक संकेतक (जी.आई. टैग) मिला है। छत्तीसगढ़ में पहली बार किसी फसल को जी.आई. टैग मिला है और यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पंचवर्षीय समीक्षा दल ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में परियोजना के तहत किये जा रहे कार्यांे की सराहना की।

पंचवर्षीय समीक्षा दल के प्रमुख डाॅ. एच.एस. गुप्ता, पूर्व निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने कहा कि मध्य भारत क्षेत्र में धान का रकबा देश में धान के कुल रकबे का 17 प्रतिशत है और यहां देश के धान उत्पादन का 12.3 प्रतिशत हिस्सा उत्पादित होता है। उन्होंने परियोजना में कार्यरत वैज्ञानिकों से आव्हान किया कि वे धान के उत्पादन को बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयास करें। उन्होंने परियोजना के तहत कार्यरत सभी केन्द्रों में किये जा रहे कार्याें की सराहना की तथा भविष्य के अनुसंधान को नई दिशा देने हेतु दिशा निर्देश दिये। पंचवर्षीय समीक्षा दल में डाॅ. एल.वी. सुब्बाराव, प्रमुख अन्वेशक, चावल फसल सुधार, भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद, डाॅ. टी.वी.के. सिंह, सेवा निवृत अधिष्ठाता, प्रोफेसर जय शंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय, हैदराबाद, डाॅ. एस. कुण्डु, विभागाध्यक्ष, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल, डाॅ. ब्रिथल, राष्ट्रीय प्राध्यापक (एन.सी.ए.पी.), डाॅ. श्रीधर, सेवा निवृत प्राध्यापक, राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक भी शामिल थे। बैठक में आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के विभागाध्यक्ष एवं धान समन्वयक डाॅ. ए.के. सरावगी ने धान अनुसंधान की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। डाॅ. संजय शर्मा, डाॅ. पी.के. तिवारी, डाॅ. संदीप भंडारकर, एवं  एच.एल. सोनबोइर ने पौध संरक्षण, पौध प्रबंधन तथा पौध सुधार पर विगत पांच वर्षाें में किये गए कार्याें की प्रस्तुति दी। बैठक में संचालक अनुसंधान सेवाएं डाॅ. आर.के. बाजपेयी, निदेशक विस्तार सेवाएं डाॅ. ए.एल. राठौर, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, रायपुर डाॅ. एस.एस. राव सहित सभी विभागाध्यक्ष तथा परियोजना से जुड़े वैज्ञानिक उपस्थित थे।

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