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भिलाई : स्वाइन फ्लू की चपेट में आकर एक कि मौत

भिलाई : डेंगू बीमारी की चपेट के बाद छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्वाइन फ्लू से शनिवार को एक व्यक्ति की मौत हो गयी है। मृतक का नाम रामप्रसाद गुप्ता (58) है। सेक्टर-6 निवासी गुप्ता 10 जनवरी से खांसी, बुखार व सांस लेने में तकलीफ होने के कारण बीएम शाह अस्पताल में इलाज करवा रहे थे।स्वाइन फ्लू का सिमटम मिलने पर 13 जनवरी को अस्पताल प्रबंधन ने उनकी जांच कराई थी। 14 जनवरी को रिपोर्ट आने पर स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने इलाज शुरू ही किया था कि मरीज बेहोश हो गया। ब्लड यूरिया बढ़ जाने के कारण गुप्ता की डायलिसिस भी कराई गई थी। तबियत ज्यादा बिगडऩे लगी तो दो दिनों पहले डॉक्टरों ने गुप्ता को वेंटीलेटर पर रख दिया था।

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भर्ती होने के करीब 9 दिनों बाद शनिवार को गुप्ता की मौत हो गई। इस साल स्वाइन फ्लू से भिलाई में यह पहली मौत हुई है। इससे पहले स्वाइन फ्लू का पाजीटिव मरीज रिसाली सेक्टर में मिला था। रायपुर में कुछ दिनों तक उपचार होने से उसकी जान बच गई थी। बताया जा रहा है कि स्वाइन फ्लू से पीडि़त दो संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जा रहा है। चंद महीने पहले ही भिलाई डेंगू की चपेट से उबरा था, जिसके बाद फिर से वहां स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है।

रायपुर : राजधानी में बढ़ा आवारा कुत्तों का आतंक
 

रायपुर : राजधानी रायपुर में पिछले माह भर से कुत्तों का भारी आतंक देखा जा रहा है। शहर के शासकीय सहित निजी अस्पतालों में कुत्तों के काटने से घायल हुए लोग अपना इलाज कराने पहुंच रहे है। शहर में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक को देखने के बाद भी नगर निगम प्रशासन इसे अनदेखा किये हुए है। न ही आवारा कुत्तों को पकडऩे का काम किया जा रहा है और न ही कुत्तों की नसबंदी की जा रही है। जिसके चलते शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है।

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राजधानी के ज्यादातर वार्डों में इन दिनों आवारा कुत्तों ने आतंक मचाया हुआ है। पिछले एक माह में शहर में कुत्तों के काटने की कई घटनाएं सामने आई है। लेकिन इसके बावजूद आवारा कुत्तों का आतंक के रोकथाम के लिए निगम प्रशासन द्वारा अब तक कोई पहल नहीं की जा रही है। परिणाम स्वरूप शहर में आवारा कुत्तों की संख्या और आतंक बढ़ता जा रहा है।
विदित हो कि आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या रोकने के लिए नगर निगम ने कुत्तों की नसबंदी अभियान छेड़ा था, लेकिन यह अभियान भी अब पूरी तरह ठप्प पड़ा हुआ है। जिसके चलते शहर में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शहर के कालोनी, बस्ती सभी इलाको में आवारा कुत्ते झूंड में देखे जा रहे है। सिर्फ महावीर नगर, अमलीडीह, संजय नगर, संतोषीनगर, टिकरापारा, रावणभाठा इलाके की बात करें तो यहां कुत्तों का बहुत आतंक है। दिन ढलने के बाद रात में जैसे-जैसे समय बढ़ता है कुत्तों का आतंक बढ़ते जाता है। लोगों में कुत्तों का खौफ इतना ज्यादा है कि रात में 9 बजे के बाद लोगों को कुत्तों से बचते हुए घर पहुंचना पड़ता है।
 

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