छत्तीसगढ़

भूपेश सरकार के मंत्री कवासी लखमा ने कोरोना की पिछली दो लहरों की तरह ही आने वाली लहर से मिलकर डटकर मुकाबला करने की बात कही समीक्षा बैठक में

जगदलपुर। कोरोना के एक और लहर की दस्तक को देखते हुए प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने पिछली दो लहरों की तरह ही साथ मिलकर डटकर मुकाबला करने की बात कही। आज आयोजित समीक्षा बैठक में मंत्री ने कहा कि कोरोना की इस लहर से निडर होकर मुकाबला करना है और कोरोना को हराकर ही दम लेना है। उन्होंने कोरोना को हराने के लिए अनुशासन को सबसे अधिक महत्वपूर्ण बताते हुए शासन-प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधियों को भी लोगों को जागरुक करने के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए अस्पताल और कोविड केयर सेंटर में सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक तैयारी सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए।
मंत्री ने धान खरीदी की समीक्षा करते हुए मौसम में बार-बार आ रहे बदलाव को देखते हुए खरीदे गए धान की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बारिश की स्थिति में धान की सुरक्षा के लिए तिरपाल तथा पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज की व्यवस्था सुनिश्चित रखने के साथ ही धान के उठाव में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने धान खरीदी को सुचारु रखने के लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा किसानों के उत्थानों के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं तथा इनका लाभ किसानों को मिलना चाहिए।
प्रभारी मंत्री ने इसके साथ ही नरवा, गरुआ, घुरवा बाड़ी सहित मनरेगा संचालित कार्यों की समीक्षा करते हुए कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। नरवा कार्यक्रम के तहत किए गए कार्यों का अवलोकन जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कराने तथा वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन बढ़ाने की दिशा में भी कार्य करने के निर्देश दिए, जिससे तेजी से बढ़ रही मांग के अनुसार आपूर्ति की जा सके। उन्होंने जल जीवन मिशन अंतर्गत कार्यों को समय सीमा में पूर्ण करने के लिए पूरी गति के साथ कार्य करने के साथ ही गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करने के निर्देश दिए। जहां कार्य की गति धीमी है, वहां तेजी लाने के लिए सभी प्रयास किए जाएं।
मंत्री ने आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण शीघ्र पूर्ण करने के साथ ही नगरीय क्षेत्रों में भवनों के निर्माण के लिए भूमि के चिन्हांकन के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत जिले में संचालित स्वसहायता समूहों के माध्यम से अंडा और केला की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

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