छत्तीसगढ़रायपुर

रायपुर नगर निगम का इतिहास, सिर्फ एक बार रहा बीजेपी का रहा महापौर ?

रायपुर। रायपुर नगर निगम अपनी भव्यता और शानदार इमारत के लिए जाना जाता है. एक बार फिर रायपुर निगम में चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे रायपुर नगर निगम का इतिहास कैसा रहा. रायपुर नगर निगम अंग्रेजी काल से ही संचालित है. अठारहवीं शताब्दी में अंग्रेजों ने शहर की बढती जनसंख्या और व्यवस्थाओं के लिए रायपुर नगर समिति बनाई थी.

ब्रिटिश काल से व्यवस्था हो रही संचालित

ब्रिटिश शासन के दौरान सत्रह मई अठारह सौ सडसठ को रायपुर नगर समिति बनी. इसके बाद साल उन्नीस सौ तिहत्तर में इसका स्वरूप बदला और रायपुर नगर निगम बना. रायपुर नगर में व्यवस्थाएं अंग्रेजों के जमाने से संचालित है. पहले नगर निगम कार्यालय जयस्तंभ के पास था. इसके बाद नया नगर निगम कार्यालय महिला थाना के पास बनाया गया है. जिससे व्हाइट हाउस के नाम से भी जाना जाता है.

158 साल पुराना है इतिहास

आज इस नगर निगम को लगभग एक सौ अट्ठावन साल हो चुके हैं. उस समय रायपुर नगर निगम में कुल 40 वार्ड थे. पहली बार हुए नगर निगम चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्वरूप चंद जैन महापौर बने. इसके बाद उन्नीस सौ पचासी से लेकर उन्नीस सौ पंचानबे तक रायपुर नगर निगम बैठे थे. फिर उन्नीस सौ पंचानबे में वार्डों की संख्या बढकर साठ कर दी गई . उस समय हुए चुनाव में कांग्रेस के बलबीर एस जुनेजा महापौर चुने गए. इसके बाद समय-समय पर रायपुर नगर निगम के वार्डों की संख्या बढती गई और आज की स्थिति में रायपुर नगर निगम में कुल सत्तर वार्ड हैं.

छत्तीसगढ़ बनने के बाद कैसा रहा निगम का सफर

साल दो हजार में मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम पारित होने के बाद रायपुर नवगठित छत्तीसगढ राज्य का हिस्सा बन गया और इसे राज्य का सबसे बड़ा नगर निगम घोषित किया गया. छत्तीसगढ़ गठन के बाद तरुण प्रसाद चटर्जी रायपुर के पहले महापौर थे. हालांकि बाद में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर लिया था. छत्तीसगढ राज्य बनने के बाद पहले स्थानीय निकाय चुनाव साल दो हजार चार में हुआ. तब पहली बार भारतीय जनता पार्टी से महापौर चुना गया. सुनील सोनी उस समय रायपुर नगर निगम के महापौर बने. जो वर्तमान में विधायक हैं, इसके पहले सुनील सोनी सांसद भी रह चुके हैं. रायपुर नगर निगम के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब कांग्रेस को महापौर चुनाव में हार का सामना करना पडा था.

रायपुर में कांग्रेस का रहा है दबदबा

प्रदेश में चाहे सरकार बीजेपी की हो या कांग्रेस की. रायपुर नगर निगम के महापौर की कुर्सी पर कब्जा कांग्रेस का ही रहा. साल दो हजार चार में सुनील सोनी को छोडकर बीजेपी कभी भी महापौर की कुर्सी पर कब्जा नहीं जमा सकी है.

2025 में किनके बीच है टक्कर

आपको बता दें कि एक बार फिर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है , प्रशासक नियुक्त हो चुके हैं. इस बार रायपुर नगर निगम से बीजेपी ने निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे को उम्मीदवार बनाया है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने पूर्व महापौर एवं नगर निगम के निवर्तमान अध्यक्ष प्रमोद दुबे की पत्नी दीप्ति दुबे को टिकट दिया है. इन दोनों के बीच इस बार कडा मुकाबला होना है. तो आपको क्या लगता है की भाजपा रायपुर नगर निगम का किला भेद पायेगी या नहीं, अपनी राय कमेंट कर बताएं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button