रायपुर में इंटरनेशनल ड्रग्स सिंडिकेट का बड़ा भंडाफोड़ — पाकिस्तान कनेक्शन उजागर, ATS-NCB-IB मैदान में

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, अब सिर्फ प्रशासनिक केंद्र नहीं बल्कि इंटरनेशनल ड्रग्स नेटवर्क के रेडार पर है। पाकिस्तान से आई हेरोइन की खेप यहां 2 करोड़ रुपये में बिक चुकी है, और हाल ही में पुलिस ने 1 करोड़ की हेरोइन जब्त की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए ATS, NCB और IB जैसी बड़ी एजेंसियों ने केस की जांच अपने हाथ में ले ली है।
कौन है मास्टरमाइंड?
जांच का फोकस है गुरदासपुर, पंजाब का रहने वाला लवजीत सिंह उर्फ बंटी, जो इस इंटरनेशनल सिंडिकेट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। वह पाकिस्तान से सीधे ड्रग्स मंगवाता था, जो सीमा पार कर पंजाब पहुंचती और वहां से भारत के अलग-अलग राज्यों में सप्लाई होती थी।
रायपुर बना नया लॉजिस्टिक हब
कमल विहार, रायपुर — यही बना ड्रग्स सिंडिकेट का मेन ऑपरेशनल बेस। फ्लैट नंबर 504 में लवजीत सिंह के साथ उसके दो साथी सुवित श्रीवास्तव और अश्वन चंद्रवंशी भी पकड़े गए। रेड में पुलिस को 412 ग्राम से ज्यादा हेरोइन मिली। पूछताछ में आरोपियों ने स्थानीय नेटवर्क का भी खुलासा किया — दर्जनों नाम सामने आए हैं, जो सिंडिकेट से जुड़े थे।
डिजिटल गुमनामियाँ — टेक्नोलॉजी बना ढाल
जांच में सामने आया कि आरोपी नेट कॉलिंग, वर्चुअल नंबर, और वीडियो शेयरिंग के जरिए संपर्क में रहते थे। वॉट्सऐप, टेलीग्राम जैसे ऐप्स के जरिए लाइव लोकेशन और फोटो भेजकर डील फाइनल की जाती थी, ताकि पहचान छुपी रहे और एजेंसियों को चकमा दिया जा सके।
ट्रांजेक्शन का जाल — म्यूल अकाउंट और क्रिप्टो का खेल
पैसों के लेनदेन के लिए सिंडिकेट ने म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल किया — ऐसे बैंक खाते जो सिर्फ ट्रांजेक्शन के लिए बनाए गए थे। करोड़ों का डिजिटल लेन-देन, क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट और UPI के जरिए पैसे ट्रांसफर किए गए। कुछ ट्रांजेक्शन नकद में भी हुए, जिससे ट्रैकिंग और मुश्किल हो गई।
ATS की एंट्री और आने वाले खुलासे
पुलिस ने पहले ACCU टीम के जरिए जांच शुरू की, लेकिन जैसे-जैसे मामले की परतें खुलीं, ATS और अन्य केंद्रीय एजेंसियां भी एक्टिव हो गईं। अब पूरा नेटवर्क खंगाला जा रहा है। जांच एजेंसियों को शक है कि इसमें कुछ प्रभावशाली और रसूखदार चेहरे भी शामिल हो सकते हैं।