रुक्मणी पावर प्लांट के फर्नेस में हुआ ब्लास्ट, आठ मजदूर झुलसे

खरसिया
खरसिया के ग्राम रानी सागर में स्थित रुक्मणी स्टील प्लांट में आज शाम करीब 4 बजे फर्नेस में ब्लास्ट हो गया. इस घटना के बाद से प्लांट में अफरा-तफरी मच गई. आग की चपेट में आने से सात से आठ मजदूर झुलस गए. जिसमें 3 मजदूरों की हालत चिंताजनक बताई जा रही है. घायल मजदूरों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल खरसिया लाया गया. तीन गंभीर मजदूरों को रायगढ़ अस्पताल रेफर किया गया है. जहां उनका इलाज चल रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, खरसिया के ग्राम रानीसागर के आश्रित ग्राम भालू चुवां में स्थित रुकमणी पावर प्लांट एवं फर्नेस में दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक बिजली बंद थी. बिजली आने के बाद कार्य शुरू किया गया. इस दौरान जबर्दस्त ब्लास्ट हो गया. मौके पर 2 मजदूरों ने अपनी जान बचाने के लिए छलांग लगा दी, जिससे उनके पैरों में चोट आई है.
वहीं सात से आठ मजदूर झुलस गए. जिसमें गंभीर मेष सिंह पिता जादो सिंह रानीसागर (30 वर्ष), मोहन लाल पिता चूड़ामणि (27 वर्ष), आनंद कुमार सिदार पिता प्रेमचंद, ओम प्रकाश पिता जोगेंद्र को रायगढ़ अस्पताल रेफर किया गया है. बाकी मजदूरों को प्राथमिक उपचार के बाद वापस भेज दिया गया है.
रायगढ़ रेफर कर दिया
खरसिया सिविल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सजन अग्रवाल ने बताया कि फर्नेश में ब्लास्ट के कारण जल जाने से घायल मजदूर उपचार के लिए आए थे. जिसमें तीन की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें रायगढ़ रिफर किया गया है.
स्थानीय प्रशासन को कोई जानकारी नहीं
घटना के बारे में स्थानीय प्रशासन को कोई जानकारी नहीं है. वहीं खरसिया अस्पताल व संयंत्र प्रबंधक मजदूरों के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं. गंभीर घायलों का कहां इलाज चल रहा है, अभी उसकी स्थिति कैसे है, उनकों परिजनों को जानकारी दी गई है या नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. बताया जा रहा है कि घायल मजदूर दूसरे प्रदेश के है, एक मजदूर स्थानीय है.
छोटी मोटी घटना, चिंता की बात नहीं
रुक्मणी पावर प्लांट पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के छोटे भाई बजरंग अग्रवाल खरसिया का होना बताया जा रहा है. रुक्मणी पावर प्लांट के डायरेक्टर बजरंग अग्रवाल का कहना कि ठेकेदार के मजदूरों के साथ छोटी-मोटी घटनाक्रम हुआ है बड़ी चिंता की बात नहीं है.
रफा-दफा करने का आरोप
कुछ स्थानीय लोगों ने कंपनी प्रबंधन पर रफा-दफा करने का आरोप लगा रहे हैं. गंभीर रूप से घायल हुए मजदूरों का सही उपचार नहीं किया जा रहा हैं.