राजिम : राजिम कुंभ की महत्ता प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है। यहां प्रत्येक वर्ष कुछ न कुछ नये आयाम इसमें जुडक़र कुंभ की महत्व को और भी बढ़ा रहे है जहां कुंभ स्थल में साधु-संतों के आगमन, संध्या कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम, मेले में विभिन्न प्रकार की झांकियों, बालाजीपुरम, गंगा आरती आदि के कारण दर्षनार्थियों की भीड़ दिन भर महोत्सव स्थल में रहती है। मेले के मीना बाजार में विभिन्न प्रकार के झूले, मौत का कुंआ, सर्कस आदि मीना बाजार के मुख्य आकर्षण रहते है। यहां बड़ी संख्या में बच्चे बड़े और युवक-युवतियॉं आनंद लेते है। मेले का नाम आये और वहां सरकस न हो तो कुछ कमी सा महसुस होता है इस वर्ष मेले में मौत के कुंआ, मिठाई के दुकान, कपड़ा दुकान, खिलौने केे दुकान आदि में लोगो की भीड़ तो दिखाई दे रही है लेकिन सबसे ज्यादा उत्साही लोग सर्कस देखने को नजर आ रहे है मेला ग्राउण्ड में जहां अन्य स्थानों में लोग कम दिखाई देते है वहीं सर्कस देखने के लिए लोंगों की लंम्बी कतार नजर आ रही है। सर्कस तीन खेलों में दिखाया जा रहा है। अजंता सर्कस के संचालक से बातचीत के दौरान उन्होंने जानकारी दी की अभी हम लोग बाम्बे में कार्यक्रम करके सीधेराजिम कुंभ में आये है। उन्होंने कहा कि हम लोग मूलत: कलकत्ता के मूल निवासी है और विभिन्न जगहो पर यह कार्यक्रम दिखा चुके है लेकिन इस बार राजिम कुंभ में आऐं है और हमें अच्छा लग रहा है। सर्कस के बारे मे जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने जानवरों पर प्रतिबंध लगा दिया है इसलिए हमारे इस सर्कस में घोड़ा और कुत्ता एवं अन्य छोटे-छोटे पालतु जानवर है इस सर्कस में छोटे बड़े बच्चे हैरत अंगेज कारनामा दिखाते है। जिसे देख लोग दांतो तले उंगली दबा लेते है कलाकारो में उत्साह देखते ही बनता है।
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