छत्तीसगढ़

गोबर बेचकर मिली राशि से चन्द्र प्रताप ने भरी कॉलेज की फीस, अपनी पढ़ाई का खर्च खुद उठाने का सपना हुआ पूरा

 कोरिया। विकासखण्ड बैकुंठपुर के शिवपुर चरचा निवासी 22 वर्षीय चंद्रप्रताप यादव कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। पढ़ाई करते-करते उन्होंने पढ़ाई का खर्च निकालने का रास्ता भी निकाल लिया है और ये रास्ता मिला है उन्हें शासन की जनकल्याणकारी गोधन न्याय योजना से। योजना के तहत गौठान में गोबर विक्रय से जो आय हुई, इसी से उन्होंने 17 हजार रुपये अपनी कॉलेज की फीस भरी।
चंद्रप्रताप बताते हैं कि उनका परिवार पशुपालन के कार्य में ही संलग्न है। परिवार आर्थिक रूप से सक्षम है, पर चंद्रप्रताप का सपना था कि वे अपने बलबूते पर स्वयं की पढ़ाई का खर्च निकाल सकें और इस योजना के जरिए वे अपने सपने को पूरा करने में सफल हुए हैं। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना की शुरुआत से ही परिवार द्वारा गौठान में गोबर बेचा जा रहा है। शुरुआत से अब तक 55 हजार 995 किग्रा तक गोबर का विक्रय किया है। इसके एवज में 1 लाख 11 हजार 990 रुपए की राशि प्राप्त हुई है जिससे मैंने कॉलेज की फीस भरी।
उल्लेखनीय है कि किसानों तथा पशुपालकों को अतिरिक्त लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई है। योजना के तहत 2 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीदा जा रहा है, स्व सहायता समूहों द्वारा गौठानो में गोबर का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट खाद के निर्माण में किया जा रहा है। जिले में योजना के शुरुआत से अब तक 15730 विक्रेताओं ने गौठानों में 3 लाख 62 हजार क्विंटल गोबर बेचा है। जिसके एवज में 7 करोड़ 25 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। 1 अप्रैल से 15 मई तक की अवधि में 2098 विक्रेताओं ने 10927 क्विंटल गोबर विक्रय किया जिसके एवज में 21.86 लाख रुपये का भुगतान विक्रेताओं के खाते में किया गया है।

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