रायपुर: कांग्रेस के Bharat bandh आंदोलन भाजपा का तंज

रायपुर, भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा संसद में हाल ही पारित कृषि सुधार विधेयकों के खि़लाफ़ कांग्रेस के आंदोलन और भारत बंद (Bharat bandh) को वैचारिक दरिद्रता से उपजी राजनीतिक कुंठा का विफल प्रदर्शन बताया है। भाजपा ने कहा कि कृषि विधेयकों का विरोध करके कांग्रेस ने एक बार फिर अपने दोहरे राजनीतिक और किसान विरोधी चरित्र का ही परिचय देते हुए यह साबित कर दिया है कि किसानों के नाम पर कांग्रेस केवल राजनीति करती आई है और किसानों के बेहतर भविष्य की बात तो न उसने कभी सोची और न ही वह किसानों का भला कर सकती है।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व सांसद सुनील सोनी व सांसद चुन्नीलाल साहू ने कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर केवल और केवल झूठ और भ्रम फैलाती-फैलाती ख़ुद ही झूठी और भ्रमित हो रही है और यह सूझ ही नहीं रहा है कि कृषि विधेयकों पर आखिऱ वह क्या रुख अपनाए?
सोनी व साहू ने कहा कि पंजाब में उसका नज़रिया इन विधेयकों को लेकर अलग है तो मध्यप्रदेश में वह मंडी टैक्स के मुद्दे पर आढ़तियों-दलालों के साथ खड़ी है, छत्तीसगढ़ में वह मंडी टैक्स ख़त्म करने को तैयार नहीं है और अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि विधेयकों को लागू नहीं करने और इसे लेकर कोर्ट तक जाने की बात कहकर एक बार फिर अपने किसान विरोधी होने का प्रमाण ख़ुद ही दे चुके हैं।
सांसद द्वय ने कहा कि कजऱ्माफ़ी और बकाया बोनस भुगतान के मामले में राजनीतिक कुटिलता का प्रदर्शन कर वादाखि़लाफ़ी करने वाली प्रदेश सरकार ने पिछले खरीफ सत्र में धान खऱीदी के नाम पर किसानों के आत्म-सम्मान के साथ जिस तरह क्रूर खिलवाड़ किया और समर्थन मूल्य की राशि का किश्तों में भुगतान कर किसानों को खून के आँसू रुला रही है, उस कांग्रेस और प्रदेश सरकार से किसानों के हित में पारित केंद्र सरकार के विधेयकों का विरोध करके मानसिक दीवालिएपन का परिचय देने की ही अपेक्षा की जा सकती है।
भाजपा सांसदों सोनी व साहू ने कहा कि संसद में पारित कृषि विधेयकों में जो प्रावधान हैं, कांग्रेस ख़ुद सन 2013 में इसका आश्वासन दे रही थी और बाद में कांग्रेस ने इसे अपने चुनाव घोषणा पत्र में वादे के तौर पर शामिल किया था। संसद में संप्रग शासनकाल के दौरान संसद में हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल समेत कई दिग्गज नेताओं ने इन प्रावधानों की जी-भरकर सराहना की थी।
सांसद द्वय ने कटाक्ष किया कि जो प्रावधान कांग्रेस को अपने शासनकाल में किसान-हितैषी व क्रांतिकारी लग रहे थे, वही प्रावधान अब कांग्रेस को काला क़ानून क्यों लगने लगे हैं? कहीं कांग्रेस इसे काला क़ानून बताकर अपनी काली कमाई के रास्ते बंद होने का मातम तो नहीं मना रही है?
सोनी व श्री साहू ने कहा कि कृषि सुधार विधेयकों को लेकर कांग्रेस एक बार फिर राफेल विमान सौदे की तर्ज पर ही झूठ और भ्रम फैलाने में लगी है। ज़ाहिर है कांग्रेस इस मुद्दे पर भी मुँह की खाएगी। शुक्रवार को भारत बंद Bharat bandh और विरोध प्रदर्शन में किसानों की कोई सहभागिता नहीं होना इस बात का प्रमाण है कि किसान कांग्रेस के बहकावों में क़तई नहीं आ रहा है। अब भाजपा के कार्यकर्ता किसानों तक पहुँचकर कांग्रेस की असलियत सामने लाने में जुटेंगे।
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