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अमेरिका की 28 सूत्रीय यूक्रेन-रूस शांति योजना पर बढ़ा विवाद, ट्रम्प प्रशासन पर उठे सवाल

यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका द्वारा तैयार की गई 28 सूत्रीय शांति योजना अब खुद अमेरिका के लिए सिरदर्द बनती दिख रही है। रूस ने इस डॉक्यूमेंट को अक्टूबर 2025 में ट्रम्प–जेलेंस्की बैठक के बाद सार्वजनिक किया था, और अब खुलासा हुआ है कि ये योजना काफी हद तक रूसी दस्तावेज़ पर आधारित थी।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि ट्रम्प प्रशासन की इस शांति योजना में उन्हीं बिंदुओं को शामिल किया गया, जिन्हें रूस पहले से वार्ता की मेज पर रख चुका था। यहां तक कि विदेशी मंत्री मार्को रुबियो सहित कई वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने भी इसे समीक्षा किया था और मानते थे कि यूक्रेन ऐसी मांगें कभी स्वीकार नहीं करेगा—जैसे कि अपने क्षेत्र का बड़ा हिस्सा छोड़ने की रियायत।

ट्रम्प ने इसके बाद बयान जारी कर बताया कि उन्होंने अपने विशेष दूत स्टीव विटकॉफ को पुतिन से मिलने मॉस्को भेजा, जबकि उसी समय अमेरिकी सेना सचिव यूक्रेनी नेतृत्व से बातचीत में लगे थे।
लेकिन यह कदम अमेरिकी अधिकारियों और सांसदों में शक बढ़ाने वाला साबित हुआ। एक्सियोस की रिपोर्ट के बाद कई नेताओं ने आरोप लगाया कि यह पूरी योजना “रूसी हितों की लिस्ट” जैसी लगती है, न कि एक वास्तविक अमेरिकी पहल।

सूत्रों के मुताबिक, इस योजना की रूपरेखा मियामी में हुई एक गुप्त बैठक में तैयार हुई थी, जिसमें ट्रम्प के दामाद जेरेड कुशनर, स्टीव विटकॉफ और रूस के किरिल दिमित्रिएव शामिल थे। हैरानी की बात है कि व्हाइट हाउस और विदेश विभाग के भीतर इस मीटिंग की जानकारी चुनिंदा लोगों तक ही सीमित थी।

इस विवाद के बीच, अमेरिका ने यूक्रेन पर दबाव भी बढ़ा दिया है—चेतावनी देते हुए कि अगर यूक्रेन इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं करता, तो सैन्य सहायता रोकी जा सकती है।
अब इस “शांति योजना” को लेकर अमेरिकी राजनीति में बहस तेज हो चुकी है।

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