छत्तीसगढ़

Breaking : उत्तराखंड में फंसे दुर्ग के यात्री सुरक्षित,सभी सकुशल गुरुवार सुबह छत्तीसगढ़ के लिए होंगे रवाना

रायपुर। उत्तराखंड भूस्खलन के कारण कैंची धाम में फंसे दुर्ग जिले के सभी यात्री सकुशल हैं। नैनीताल जिले में तेजी से बारिश होने की वजह से हुए भूस्खलन से यह यात्री फंस गए थे। गुरुवार सुबह यह यात्री छत्तीसगढ़ वापस आने के लिए रवाना होंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर दुर्ग डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे से यात्रियों की सकुशल वापसी के लिए नैनीताल जिला प्रशासन से समन्वय कर कार्य करने निर्देशित किया था। यात्रियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति विशेष रूप से आभार जताया है। साथ ही उन्होंने नैनीताल जिला प्रशासन और डोगरा बटालियन के प्रति भी आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने नैनीताल जिला प्रशासन से संपर्क किया। नैनीताल जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जानकारी दी कि डोगरा बटालियन के मदद से रेस्क्यू कार्य कर लिया गया है। इसके बाद लोगों को सुरक्षित स्थल तक पहुंचाने और उन्हें फूड पैकेट का वितरण भी किया गया।
अपर कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने बताया कि प्रशासन लगातार नैनीताल जिला प्रशासन के संपर्क में है। सभी यात्रियों को जरूरी सुविधाएं प्रदान की गई हैं। उन्होंने बताया कि सभी लोगों को फूड पैकेट वितरित कर दिए गए हैं। सभी यात्री सुरक्षित हैं। इनका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कैंचीधाम के एसडीएम ने हमारे यात्रियों का विशेष रूप से ध्यान रखा। आज ये यात्री डायनेस्टी होटल में हैं।
नैनीताल जिला प्रशासन नैनीताल ने फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए तुरंत सैन्य हस्तक्षेप का अनुरोध किया। गरमपानी-खैरना क्षेत्र के पास स्थिति बहुत गंभीर है। घाटी प्रभावित है, शिप्रा नदी के अत्यधिक प्रवाह से इमारतें संकट में हैं। परिस्थिति के गम्भीर होने पर प्रशासन की ओर से भारतीय सेना की रानीखेत स्थित 14 डोगरा बटालियन को राहत के लिए निवेदन किया गया।
धीरज सिंह गरबियाल, कलेक्टर नैनीताल, प्रतीक जैन संयुक्त मजिस्ट्रेट की ओर से मदद के लिए निवेदन संदेश दिया गया। संदेश मिलने के 30 मिनट के अन्तर्गत जवान डोगरा बटालियन की रेस्क्यू टुकड़ी रानीखेत से खैरना की ओर रवाना हो गई। कम समय होने के बावजूद सेना अपने साथ बचाव से संबंधित सभी उपकरण और फंसे हुए लोगों के लिए पैक्ड खाने को डालने साथ ले गए। साथ ही में डोगरा बटालियन की मेडिकल रिऐक्शन टीम अपने प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ और उपकरणों के साथ रेस्कयू टीम का हिस्सा बनी। रानीखेत से खैरना तक के मार्ग में भूस्खलन होने से सेना की रेस्क्यू टीम दोपहर तीन बजे खैरना पहुंची। प्रभावित क्षेत्र में पहुंचते ही भारतीय सेना के अधिकारियों ने मौजूदा प्रशासन के अधिकारियों से परिस्थिति का जायज़ा लिया। बिना किसी देरी के भारतीय सेना के जवानों ने राहत का कार्य सहज कर दिया। वर्तमान में डोगरा बटालियन की एक टुकड़ी अल्मोड़ा गरमपानी मार्ग में एक टुकड़ी खैरना में और एक टुकड़ी कैंची धाम में राहत का कार्य कर रही है। खैरना में मार्ग बंद होने से 500 लोग सुबह से फंसे हुए हैं। सेना के ओर से इन्हें पहुंचते ही खाने का सामान दिया गया। खैरना में स्थित स्कूल में सेना के जवान फंसे हुए लोगों के लिए भोजन तैयार कर रहे हैं। साथ ही में पीड़ित लोगों का चिकित्सा निरीक्षण भी कर जारी है। डोगरा बटालियन की मौजूदगी से राहत कार्य में तेज स्तर से प्रगति हुई है और साथ ही फंसे हुए लोगों को मदद मिली है।

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