छत्तीसगढ़ न्यूज़ | Fourth Eye News

सशक्तिकरण की डबल डोज: आत्मरक्षा और सिलाई में बालिकाओं को दी जा रही ट्रेनिंग

रायपुर। किशोरी बालिकाओं को आत्मरक्षा और सिलाई का प्रशिक्षण महिला सशक्तिकरण का मिसाल बन रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से बेटियों को आत्मरक्षा कौशल के साथ-साथ आर्थिक स्वावलंबन का प्रशिक्षण देकर उनके सशक्त भविष्य की ओर अग्रसर किया जा रहा है।

राज्य सरकार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में किशोरी बालिकाओं और महिलाओं के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत बालिकाओं एवं महिलाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने के लिए इस दिशा में राज्य भर में व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बेमेतरा जिले में विभाग के बेरला परियोजना में किशोरी बालिकाओं को आत्मरक्षा और बेमेतरा (ग्रामीण) परियोजना के अंतर्गत सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

शासकीय कन्या शाला बेरला एवं शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल कुसमी में बालिकाओं को एक माह का आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे अब तक 1050 से अधिक बालिकाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। दी वॉर काई मार्शल आर्ट्स एंड सेल्फ डिफेंस एकेडमी के अनुभवी मास्टर ट्रेनर भानु प्रताप साहू द्वारा किकबॉक्सिंग, कराते, पंच, ब्लॉक, फिजिकल फिटनेस एवं आत्मरक्षा के व्यावहारिक गुर सिखाए जा रहे हैं। इससे बालिकाओं में आत्मविश्वास, आत्म अनुशासन के साथ सकारात्मक सोच का विकास हो रहा है।

‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत बेमेतरा (ग्रामीण) परियोजना के ग्राम बीजाभाट कर्मा भवन में निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। एक माह के इस प्रशिक्षण में 30 किशोरी बालिकाएं एवं महिलाएं भाग ले रही हैं। इसका संचालन मास्टर ट्रेनर योगेश्वरी निर्मलकर द्वारा किया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान बालिकाओं को नोनी सुरक्षा योजना, मातृ वंदन योजना, सक्षम योजना एवं महिला ऋण योजनाओं की जानकारी दी गई। सक्षम योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को 40 हजार रुपए से 2 लाख रुपए तक का ऋण 3 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button