- लोकसभा चुनाव 2019 का शंखनाद कभी भी हो सकता है.
- चुनाव की तैयारियां राजनीतिक दलों द्वारा शुरू कर दी गई हैं.
- रणनीति बनाकर काम भी शुरू कर दिया गया है.
- छत्तीसगढ़ की दुर्ग लोकसभा सीट वैसे तो लंबे समय तक भाजपा के कब्जे में रही, लेकिन आम चुनाव 2014 में प्रदेश की 11 में से इकलौती यही सीट थी, जिसपर कांग्रेस को जीत मिली थी.
- दुर्ग संसदीय क्षेत्र छत्तीसगढ़ में दुर्ग व बेमेतरा जिले के लगभग पूरे क्षेत्र को कवर करता है.
- इसके अलावा बालोद जिले का भी कुछ हिस्सा इस संसदीय क्षेत्र में आता है.
- यह निर्वाचन क्षेत्र राजनीतिक तौर पर संवेदनशील भी है.
- क्योंकि यहां पर हर वर्ग व समुदाय के लोग मिलेंगे.
- दुर्ग शहर राज्य का अहम कृषि बाजार होने के साथ ही दुर्ग जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है.
- छत्तीसगढ़ की दुर्ग लोकसभा सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है.
- आजादी के बाद से दुर्ग लोकसभा सीट पर कुल 16 चुनाव हो चुके हैं.
- 1952 से 1999 के बीच बिलासपुर निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश का हिस्सा था.
- इसके बाद 2004 से 2014 में बतौर छत्तीसगढ़ का हिस्सा दुर्ग में तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं.
- साल 1996 से इस क्षेत्र में बीजेपी का दबदबा रहा, लेकिन 2014 के चुनावों में कांग्रेस इस सीट को हथियाने में कामयाब रही.
- इस निर्वाचन क्षेत्र से 2014 में भाजपा की कद्दावर नेता सरोज पांडेय को हराकर कांग्रेस ताम्रध्वज साहू सांसद चुने गए.
- इस निर्वाचन क्षेत्र से सबसे महत्वपूर्ण नेताओं में से एक चंदूलाल चंद्राकर ने लोकसभा के पांच चुनाव जीते हैं.
- उन्होंने छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए 1990 के अंत में कड़ी मेहनत की.
- बीजेपी ने 1996 से 2009 तक दुर्ग में लगातार 5 चुनाव जीते, जिनमें से चार ताराचंद साहू ने जीते.
- 2009 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, ताराचंद साहू को बीजेपी द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया गया था.
- जिसके नतीजतन उन्होंने राज्य में तीसरा मोर्चा खोलने छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच की स्थापना की.
- इसके लिए उन्होंने गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी दलों को एकजुट करने की कोशिश की.
- दुर्ग लोकसभा सीट पर अब तक केवल बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला रहा है.
- 2009 में ताराचंद साहू ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहे. साल 2014 के चुनाव में भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही सीधा मुकाबला रहा.
- इस बार छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी और बसपा का गठबंधन भी प्रमुख दोनों दलों को चुनौती देनें के लिए तैयार है. इस सीटी पर बीजेपी को अपनी बादशाहत वापस कायम करने की चुनौती है.
- दुर्ग लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की नौ सीटें आती हैं.
- इनमें पाटन, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, भिलाई नगर, वैशाली नगर, अहिवारा(एससी), साजा, बेमेतरा और नवागढ़(एससी) शामिल हैं. भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार दुर्ग की आबादी 33,43,079 है.
- इस लोकसभा सीट पर 2014 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 945,656 थी, जिनमें से 660,504 ने वोटिंग में भाग लिया. वहीं पंजीकृत 910,125 महिला वोटर्स में से 597,838 महिला वोटर्स ने भाग लिया था.
- इस तरह कुल 1,855,781 मतदाताओं में से कुल 1,258,342 ने चुनाव में अपनी हिस्सेदारी तय की.
- 2019 के सत्रहवें लोकसभा चुनाव में 1858922 मतदाता अपने क्षेत्र सांसद का चुनाव करेंगे.
- छत्तीसगढ़ बनने के बाद दुर्ग लोकसभा सीट की स्थिति
साल सांसद राजनीतिक दल
2014 ताम्रध्वज साहू कांग्रेस
2009 सरोज पांडेय बीजेपी
2004 ताराचंद साहू बीजेपी
2014 ताम्रध्वज साहू कांग्रेस
2009 सरोज पांडेय बीजेपी
2004 ताराचंद साहू बीजेपी