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मत्स्य पालकों के लिए सुनहरा अवसर: सहकारिता विभाग की कार्यशाला में मिली योजनाओं की पूरी जानकारी

रायपुर। जिले के मत्स्य पालकों को आत्मनिर्भर बनाने और सहकारिता के माध्यम से सशक्त करने के उद्देश्य से सहकारिता विभाग एवं जिला सहकारी संघ मर्यादित बलौदाबाजार-भाटापारा के तत्वावधान में एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिले की 116 पंजीकृत मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्य उत्साहपूर्वक शामिल हुए।

कार्यक्रम कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यशाला के पहले सत्र में उप आयुक्त उमेश कुमार गुप्ता ने सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली, पंजीयन प्रक्रिया, निर्वाचन व्यवस्था तथा समितियों में नियमित बैठक व वित्तीय पारदर्शिता पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने समितियों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने हेतु विभाग से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

बैंकिंग और बीमा योजनाओं की मिली जानकारी

नोडल अधिकारी जी.एन. साहू ने बताया कि सहकारी बैंक के माध्यम से मत्स्य पालकों को 3 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त अल्पकालीन ऋण और मध्यमकालीन ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे अपने व्यवसाय को विस्तार दे सकते हैं।

वहीं, मत्स्य पालन विभाग के बी.पी. शर्मा ने बताया कि समितियों के सदस्यों को 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क दुर्घटना बीमा, मत्स्य पालन के लिए आवश्यक सामग्री जैसे मछली बीज, जाल, नाव और आइस बॉक्स विभागीय अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही, तालाब आबंटन की त्रिस्तरीय प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी भी दी गई।

सफलता की कहानियाँ बनी प्रेरणा

कार्यशाला में मत्स्य कृषक सम्भू डहरिया ने सहकारी बैंक से पिछले दो वर्षों से मिल रहे 3 लाख रुपये के ब्याज मुक्त ऋण को अपनी सफलता की कुंजी बताया। वहीं ससहा, पलारी, रोहांसी, दरचूरा एवं देवरी समितियों के सदस्यों ने तालाब आबंटन के बाद मत्स्य पालन से लाखों की आमदनी होने की बात साझा कर अन्य किसानों को प्रेरित किया।

इस अवसर पर प्राधिकृत अधिकारी डी.के. नेताम, एम.एस. कँवर सहित जिले की सभी मत्स्य सहकारी समितियों के अध्यक्ष एवं सचिव भी उपस्थित रहे।

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