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Holi Special: होली से जुड़ी सभी कहानियां जिसके चलते प्रचलन में आई होली

होली का त्योहार राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी से भी जुड़ा हुआ है. वसंत के इस मोहक मौसम में एक दूसरे पर रंग डालना उनकी लीला का एक अंग माना गया है. होली के दिन वृन्दावन राधा और कृष्ण के इसी रंग में डूबा हुआ होता है.

Holi 2018: शिव-पार्वती से राधा-कृष्ण तक, जानिए कैसे शुरू हुई होली

खास बातें

  1. आज होलिका दहन मनाया जाएगा
  2. कल 2 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी
  3. जानें होली से जुड़ी 3 कहानियां

नई दिल्ली: आज छोटी होली है. इस दिन शाम को चौराहों पर होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन होली रंगों से खेली जाती है.
भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है होली जिसे आम तौर पर लोग ‘रंगो का त्योहार’ भी कहते हैं. हिंदू पंचांग के मुताबिक फाल्गुन माह में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. देश के दूसरे त्योहारों की तरह होली को भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. ढोल की धुन और घरों के लाउड स्पीकरों पर बजते तेज संगीत के साथ एक दूसरे पर रंग और पानी फेंकने का मजा देखते ही बनता है. होली के साथ कई प्राचीन पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हैं और हर कथा अपने आप में विशेष है.

मुगल काल में होली को कहा जाता है
यह रंगों का त्योहार कब से शुरू हुआ इसका जिक्र भारत की विरासत यानी कि हमारे कई ग्रंथों में मिलता है. शुरू में इस पर्व को होलाका के नाम से भी जाना जाता था. इस दिन आर्य नवात्रैष्टि यज्ञ किया करते थे. मुगल शासक शाहजहां के काल में होली को ईद-ए-गुलाबी के नाम से संबोधित किया जाता था.
होली पर शिव पार्वती की कहानी
होली को लेकर जिस पौराणिक कथा की सबसे ज्यादा मान्यता है वह है भगवान शिव और पार्वती की. पौराणिक कथा में हिमालय पुत्री पार्वती चाहती थीं कि उनका विवाह भगवान शिव से हो लेकिन शिव अपनी तपस्या में लीन थे. कामदेव पार्वती की सहायता के लिए आते और प्रेम बाण चलाकर भगवान शिव की तपस्या भंग करते थे.

शिवजी को उस दौरान बड़ा क्रोध आया और उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोल दी. उनके क्रोध की ज्वाला में कामदेव का शरीर भस्म हो गया. इन सबके बाद शिवजी पार्वती को देखते हैं पार्वती की आराधना सफल हो जाती है और शिवजी उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लेते हैं. होली की आग में वासनात्मक आकर्षण को प्रतीकत्मक रूप से जला कर सच्चे प्रेम के विजय के उत्सव में मनाया जाता है.

होली पर हिरण्यकश्यप की कहानी
वहीं, दूसरी पौराणिक कथा हिरण्यकश्यप और उसकी बहन होलिका की है. प्राचीन काल में अत्याचारी हिरण्यकश्यप ने तपस्या कर भगवान ब्रह्मा से अमर होने का वरदान पा लिया था. उसने ब्रह्मा से वरदान में मांगा था कि उसे संसार का कोई भी जीव-जन्तु, देवी-देवता, राक्षस या मनुष्य रात, दिन, पृथ्वी, आकाश, घर, या बाहर मार न सके.

वरदान पाते ही वह निरंकुश हो गया. उस दौरान परमात्मा में अटूट विश्वास रखने वाला प्रहलाद जैसा भक्त पैदा हुआ. प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और उसे भगवान विष्णु की कृपा-दृष्टि प्राप्त थी. हिरण्यकश्यप ने सभी को आदेश दिया था कि वह उसके अतिरिक्त किसी अन्य की स्तुति न करे लेकिन प्रहलाद नहीं माना. प्रहलाद के न मानने पर हिरण्यकश्यप ने उसे जान से मारने का प्रण लिया. प्रहलाद को मारने के लिए उसने अनेक उपाय किए लेकिन वह हमेशा बचता रहा. हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को अग्नि से बचने का वरदान प्राप्त था. हिरण्यकश्यप ने उसे अपनी बहन होलिका की मदद से आग में जलाकर मारने की योजना बनाई। और होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में जा बैठी. हुआ यूं कि होलिका ही आग में जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद बच गया। तभी से होली का त्योहार मनाया जाने लगा.

होली पर भगवान श्रीकृष्ण की कथा
इसके अलावा तीसरी पौराणिक कथा है भगवान श्रीकृष्ण की जिसमें राक्षसी पूतना एक सुन्दर स्त्री का रूप धारण कर बालक कृष्ण के पास आती है और उन्हें अपना जहरीला दूध पिला कर मारने की कोशिश की. दूध के साथ साथ बालक कृष्ण ने उसके प्राण भी ले लिये. कहा जाता है कि मृत्यु के पश्चात पूतना का शरीर लुप्त हो गया इसलिए ग्वालों ने उसका पुतला बना कर जला डाला. इसके बाद से मथुरा होली का प्रमुख केन्द्र रहा है.

होली का त्योहार राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी से भी जुड़ा हुआ है. वसंत के इस मोहक मौसम में एक दूसरे पर रंग डालना उनकी लीला का एक अंग माना गया है. होली के दिन वृन्दावन राधा और कृष्ण के इसी रंग में डूबा हुआ होता है.

इसके अलावा होली को प्राचीन हिंदू त्योहारों में से एक माना जाता है. ऐसे प्रमाण मिले हैं कि ईसा मसीह के जन्म से कई सदियों पहले से होली का त्योहार मनाया जा रहा है. होली का वर्णन जैमिनि के पूर्वमीमांसा सूत्र और कथक ग्रहय सूत्र में भी है. प्राचीन भारत के मंदिरों की दीवारों पर भी होली की मूर्तियां मिली हैं. विजयनगर की राजधानी हंपी में 16वीं सदी का एक मंदिर है. इस मंदिर में होली के कई दृश्य हैं जिसमें राजकुमार, राजकुमारी अपने दासों सहित एक दूसरे को रंग लगा रहे हैं.

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Holi special: हेल्दी गुजिया कैसे बनाएं ? जान लें ये 7 तरीके

Holi 2018: होली का त्योहार नजदीक है और यह एक ऐसा पर्व है जिसमें गुजिया के साथ ढेर सारे नमकीन पकवान बनाएं जाते हैं. इस साल होली 2 मार्च 2018 को मनाई जाएगी, दूसरी तरफ 1 मार्च 2018 को होलिका दहन किया जाएगा.

खास बातें

  1. होली के मौके पर हर घर में गुजिया बनाई जाती है.
  2. इस साल होली 2 मार्च 2018 को मनाई जाएगी.
  3. 1 मार्च 2018 को होलिका दहन किया जाएगा.

होली का त्योहार नजदीक है और यह एक ऐसा पर्व है जिसमें गुजिया के साथ ढेर सारे नमकीन पकवान बनाएं जाते हैं. इस साल होली 2 मार्च 2018 को मनाई जाएगी, दूसरी तरफ 1 मार्च 2018 को होलिका दहन किया जाएगा. होली के मौके पर मिठाई, खासतौर पर गुजिया हर घर में बनाई जाती है. मैदे और खोया ड्राई फ्रूट्स भरकर तैयार की गई गुजिया होली का मजा दोगुना कर देती है. एक समय के बाद ज्यादा गुजिया खाने से पेट में भारीपन महसूस होने लगता है. लेकिन इस होली आप अपनी गुजिया को हेल्दी ट्विस्ट दे सकते हैं. हमने ऐसे ही कुछ बेहतरीन तरीके ढूंढ निकाले है जिनसे आप इस बार होली पर स्वादिष्ट और हेल्दी गुजिया बना सकते हैं.
 

बेक्ड गुजिया

गुजिया सबसे ज्यादा स्वादिष्ट तब लगती है जब वह तली हुई होती है. हालांकि अगर आप इसे हेल्दी बनाना चाहते हैं तो इसे तलने की जगह बेक कर सकते हैं. आप गुजिया में मनचाही फीलिंग भरकर और बिना तेल का इस्तेमाल किए इसे बेक कर सकते हैं. ऐसा करके आप काफी हद तक कैलोरी को बचा सकते हैं. स्वाद की चिंता न करें यह खाने में फ्राई गुजिया से बेहतर भी लग सकती है.

  सूजी गुजिया

मैदे का ज्यादा इस्तेमाल अस्वथ हो सकता है, इसी वजह से गुजिया की बाहरी परत बनाने के लिए आप ज्यादा सूजी को उपयोग में ला सकते हैं और मनचाही फीलिंग भरकर गुजिया बना सकते हैं.ज्यादा सूजी को उपयोग में ला सकते हैं और मनचाही फीलिंग भरकर गुजिया बना सकते हैं.

बेक्ड ओट्स गुजिया

अगर आप ज्यादा मीठी गुजिया खाकर बोर हो जाएं तो उसकी जगह आप नमकीन बेक्ड ओट्स गुजिया भी बना सकते हैं. इसे बनाने के लिए सिर्फ आटा, ड्राई फ्रूट्स और ओट्स की जरूरत पड़ेगी, यह गुजिया आपकी होली को और भी स्पेशल बना देगी.

खजूर और अंजीर गुजिया

खजूर और अंजीर बहुत हेल्दी सामग्री हैं इनका इस्तेमाल आप खोए की जगह कर सकते हैं. यह गुजिया उन लोगों के लिए भी अच्छा आॅप्शन है जिन्हें मधुमेह की बीमारी की शिकायत है. गुजिया को और ज्यादा हेल्दी बनाने के लिए आप इन्हें फ्राई करने की जगह बेक करें.

ड्राई फ्रूट्स गुजिया

इसकी फीलिंग बनाने के लिए बादाम, पिस्ता, किशमिश, खजूर और काजू का इस्तेमाल किया जाता है जोकि स्वाद में लाजवाब लगती है. राजस्थान में इसे घुघ्रस के नाम से भी जाना जाता है. होली के मौके पर ड्राई फ्रूट्स गुजिया काफी लोकप्रिय मिठाई है.
 
मिक्स फ्रूट गुजिया

आप विश्वास करें या न करें लेकिन आप वास्तव में फलों का स्तेमाल गुजिया की फीलिंग बनाने कर सकते हैं. आप बादाम, काजू, किशमिश और नारियल के साथ सेब, नाशपाती और आलूबुखारे का इस्तेमाल कर सकते हैं. तैयार की गई गुजिया को बेक करके अपने दोस्तों और परिवार के साथ इन टेस्टी गुजिया का मजा लें सकते हैं.

 गाजर की गुजिया 

गाजर लगभग हर मौसम में मिल जाती है, आप ड्राई फ्रूट्स और नारियल के साथ गाजर को मिलाकर स्वादिष्ट गुजिया बना सकते हैं. 

तो उम्मीद है इस होली आप भी एक स्वस्थ होली का त्योहार बनाने के तरीके को चुनेंगे.

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