
रायपुर। राजधानी के अंबेडकर अस्पताल में 25 मई की देर रात एक चौंकाने वाली घटना घटी, जब खबर की तलाश में पहुँचे पत्रकार खुद ही खबर बन गए। रायपुर में हुई चाकूबाजी की घटना की रिपोर्टिंग के लिए पहुँचे मीडियाकर्मियों पर अस्पताल में तैनात बाउंसर्स ने न सिर्फ रोक टोक की, बल्कि हाथापाई तक कर डाली।
रिपोर्टर्स घायल युवक से बातचीत कर रहे थे, तभी बाउंसर्स ने उन्हें जबरन पीछे हटाया और झड़प शुरू हो गई। मामला यहीं नहीं रुका जैसे ही खबर फैली, शहर के अन्य पत्रकार और प्रेस क्लब के पदाधिकारी अस्पताल पहुँच गए, लेकिन बाउंसर्स के तेवर तब भी नरम नहीं हुए। पुलिस की मौजूदगी में ही पत्रकारों के साथ धक्का मुक्की शुरू हो गई। पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए तीन बाउंसर्स को गिरफ्तार किया और आरोपियों के आधे सिर मुंडवाकर जुलूस भी निकाला, जो शहर में चर्चा का विषय बन गया।
घटना पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,पत्रकारों को धमकाने वालों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा।
वहीं,पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि मेकाहारा अस्पताल, प्रदेश के सबसे बड़े और प्रख्यात सरकारी अस्पताल में हुई अप्रिय और हिंसक घटना बहुत चौंकाने वाली और अत्यंत निन्दनीय है। सरकारी अस्पताल में बाउंसर के रूप में हिंसक और असामाजिक तत्वों का मौजूद होना, और पत्रकारों के विरुद्ध प्रशासन की मौजूदगी में हिंसा और बदतमीजी करना प्रदेश की कानून व्यवस्था और पत्रकारिता की स्वतंत्रता का हाल साफ दिखाता है।प्रदेश के पत्रकार साथियों के साथ मजबूती से खड़ा हूं। उनकी सुरक्षा, रिपोर्ट और सवाल करने की स्वच्छंदता के लिए पूरी शक्ति के साथ आवाज उठाऊंगा।
यह घटना न केवल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि क्या अब पत्रकारिता की राह इतनी आसान रह गई है?