शराब के साए में सियासत: 2161 करोड़ के घोटाले में लखमा की संपत्तियां जब्त, कांग्रेस भवन भी ईडी के निशाने पर

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर भ्रष्टाचार के गहरे दलदल में फंसी नजर आ रही है। 2161 करोड़ रुपए के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर शिकंजा और कस दिया है। शुक्रवार को ईडी ने लखमा और उनके बेटे हरीश की कुल 6.15 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर दी। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस बार कांग्रेस पार्टी का सुकमा जिला कार्यालय भी ईडी के रडार पर आ गया।
ईडी का दावा है कि इस भवन को लखमा ने शराब घोटाले में मिले काले धन से खड़ा किया। दस्तावेज बताते हैं कि 68 लाख रुपए की लागत से बना यह कांग्रेस भवन दरअसल ‘कमीशन की ईंटों’ पर खड़ा है।
हर महीने दो करोड़ का खेल
ईडी की जांच में सामने आया है कि कवासी लखमा को बतौर मंत्री हर महीने शराब सिंडिकेट से 2 करोड़ रुपए कमीशन के रूप में मिलते थे। तीन साल में यह रकम 72 करोड़ तक पहुंच गई। ट्रांजेक्शन के दस्तावेज, डायरी के पन्ने और गवाहों के बयानों से यह बात पुख्ता हुई है।
इन्हीं पैसों से रायपुर की विधायक कॉलोनी में बने लखमा के बंगले की मरम्मत और अतिरिक्त निर्माण में 4.07 करोड़ खर्च किए गए। वहीं बेटे हरीश लखमा ने सुकमा में 1.4 करोड़ रुपए का मकान खड़ा कर लिया।
राजनीतिक तूफान: कांग्रेस बनाम भाजपा
जहां कांग्रेस इस कार्रवाई को “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” करार दे रही है, वहीं भाजपा ने इसे कांग्रेस शासन का भ्रष्टाचार का परिणाम बताया है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, “केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल कर रही है ताकि विपक्ष की आवाज दबाई जा सके। कांग्रेस कार्यालय को अटैच करना लोकतंत्र पर हमला है।”
जवाब में भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता बोले, “जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा। कांग्रेस सरकार के दौरान भ्रष्टाचार ने चरम सीमा पार कर दी थी।”
अब तक 205 करोड़ की संपत्ति जब्त
इस शराब घोटाले में ईडी अब तक 205 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति और नकद जब्त कर चुकी है। इसमें प्रमुख नाम हैं:
कारोबारी अनवर ढेबर – ₹116.16 करोड़
पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा – ₹15.82 करोड़
बीएसपी के अरविंद सिंह – ₹13.99 करोड़
कारोबारी विकास अग्रवाल – ₹1.54 करोड़
सस्पेंडेड आईटीएस अफसर अरुणपति त्रिपाठी – ₹1.35 करोड़
त्रिलोक ढिल्लन, नवीन-आशीष केडिया और नेक्सजेन कंपनी की संपत्तियां भी शामिल
घोटाले से निकली इमारतें
ईडी का आरोप है कि लखमा मंत्री बनने के ढाई साल के भीतर ही सुकमा और कोंटा में कांग्रेस के दो भव्य “राजीव भवन” खड़े हो गए। सुकमा भवन के लिए 1.36 करोड़, और कोंटा भवन के लिए 68 लाख रुपए खर्च किए गए। ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, यह पैसा ठेकेदारों को सीधे घोटाले से मिले फंड से दिया गया। संबंधित ठेकेदार से ईडी ने लंबी पूछताछ की है।
अब आगे क्या?
फिलहाल कवासी लखमा पिछले पांच महीने से रायपुर केंद्रीय जेल में बंद हैं। बेटा हरीश भी ईडी और EOW के निशाने पर है। जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे हो सकते हैं।
एक घोटाला, जिसमें शराब के बहाने सियासत, पैसा और सत्ता की एक भयावह तस्वीर उभरती है — और शायद ये अभी शुरुआत भर है।