जगदलपुर : एक लाख के ईनामी समेत 20 सक्रिय नक्सलियों ने किया सरेंडर

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं आत्म समर्पण नीति से प्रभावित, पुलिस द्वारा चलाये गये नक्सल विरोधी अभियान से दबाव में आकर व जनजागरण अभियान से प्रेरित होकर, समाज की मुख्य धारा में शामिल होने की इच्छा, आंध्रप्रदेश के बड़े नक्सली लीडरों की प्रताडऩा एवं भेदभाव से प्रताडि़त होकर एक लाख के ईनामी समेत 20 सक्रिय नक्सलियों ने सुकमा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पित सभी माओवादी जनमिलिशिया सदस्य हैं और छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं।
बस्तर आईजी विवेकानंद ङ्क्षसंहा ने बताया कि बस्तर रेंज में लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली संगठन पर भारी दबाव बना हुआ है, वहीं सरकार की आकर्षक पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर समाज की मुख्यधारा में जुडऩे हेतु कुल 20 नक्सलियों सोढ़ी सुरेश उर्फ हांदा जीआरडी मिलिशिया कमांडर ईनामी एक लाख, दुधी हड़मा मिलिशिया कमांडर, मुचाकी भीमा, जनमिलिशिया सदस्य, माड़वी हड़मा, नुप्पो गंगा, बेट्टी जोगा, बेट्टी हुंगा भूमकाल जनमिलिशिया सदस्य, मडक़म देवा, सोढ़ी देवा डीएकेएमएस सदस्य, मडक़म गंगा, मडक़म हिड़मा, मडक़म गंगा सीएनएम सदस्या, मडक़म देवा, मडक़म बुधरा, मडक़म कोसी, कट्टम हुंगा, माड़वी मुया एवं मडक़म हुर्रा ने समर्पण किया है।
उल्लेखनीय है कि सभी आत्म समर्पित नक्सली संगठन के कोंटा एरिया कमेटी में पिछले पांच-छह सालों से सक्रिय रूप से कार्यरत थे और कोंटा एरिया में जनताना सराकर का गठन कर हिंसक कार्यों को संचालित कर रहे थे। समर्पित नक्सलियों से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि विगत वर्षों से पुलिस के प्रभावी सर्चिंग अभियानों व बढ़ते दबाव व सक्रिय सदस्यों की लगातार गिरफ्तारी व आत्म समर्पण से करीगुंडम जनताना सरकार अत्यंत कमजोर हो गया है। बड़ी संख्या में करीगुुंडम जनताना सरकार स्तर पर कार्यरत सदस्यों द्वारा नक्सली जनाधार के कमजोर होने पर संगठन छोडकऱ अपने-अपने गांवों में वापस आ गये हैं, जो आगामी समय में समर्पण करने के इच्छुक हैं।
पूर्व में इस क्षेत्र में नक्ससलियों की मिलिशिया प्लाटून कायर्ररत थी जो कि मजबूत मानी जाती थी, जिसमें लगभग 25-30 की संख्या में सदस्य कार्यरत थे, जिनका नेतृत्व टेकलपारा के वेट्टी हुर्रा द्वारा किया जा रहा था, ङ्क्षकंतु वर्तमान में इनकी संख्या छह-सात तक सिमट कर रह गयी है। आत्मसमर्पित नक्सलियों से इस तत्य का भी खुलासा हुआ है कि पूर्व समय में करीगुंडम, कसालपाड़ व आसपास के क्षेत्र में लगातार नक्सलियोंं के बड़े स्तर के कमांडरों का आना जाना होता था, किंतु कुछ समये से पुलिस के लगातार अभियानों से आवाजाही में कमी आयी है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों में सोढ़ी सुरेश थाना चिंतागुफा की ताड़मेटला पहाड़ी में विगत 6 अपै्रल 2010 को फायरिंग तथा मुचाकी भीमा थाना 17 नवंबर 14 को चिंतागुफा करीगुंडम नाला के पास पुलिस गश्त पार्टी पर फायरिंग की घटना में शामिल रहा है।