जगदलपुर : बस्तर की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति तथा नक्सली आतंक से नेटवर्क विस्तार न होने पाने की पूर्व की विवशता से निजात पाते हुए बस्तर जोन में बीएसएनएल ने कमर कस ली है और वह नेटवर्क की गुणवत्ता में सुधार के साथ लोगों को सुचारू रूप से सेवा देने के लिए प्रयास कर रहा है। इसके अंतर्गत टावर सहित नेटवर्क देने वाले अन्य संचार उपकरणों जैसे सामान बदले जा रहे हैं।
बस्तर जोन में बीएसएनएल ने कमर कस ली है
उल्लेखनीय है कि इस समय बस्तर क्षेत्र में बीएसएनएल के उपभोक्ताओं की संख्या 7 लाख 8 हजार हैं। जिसमें इंटरनेट उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 8 हजार है। बीएसएनएल सूत्रों ने बताया कि 7 लाख से अधिक लोगों को इस कंपनी की सुविधा सुचारू रूप से देने के लिए पूर्व में 314 टावर लगाए गए थे।
जिसमें इंटरनेट उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 8 हजार है
अब इसमें वृद्धि की जा रही है। और 99 नए टावर स्थापित किए जा रहे हैं। इन टावरों में से 120 टावर विभिन्न सुरक्षा बलों के कैंपों में लगाए गए हैं। प्राइवेट कंपनियों के समान लोगों को सुविधाएं देने के लिए नया टैरिफ प्लान चलाया जा रहा है। जिसका फायदा बीएसएनएल के उपभोक्ता बड़े पैमाने पर ले रहे हैं।
99 नए टावर स्थापित किए जा रहे हैं
इस संबंध में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 2जी और 3जी के अंतर्गत अब स्पीड भी बढ़ाई जा रही है जो आने वाले दिनों में 4जी के समान ही कार्य करेगी। यह भी उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए किया गया है। यदि 4जी की सुविधा शुरू की गई तो इससे लाखों उपभोक्ता परेशान हो सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए 3जी का विकास किया जा रहा है। इसके अलावा लैंडलाइन सेवा को मोबाइल सेवा में
कन्वर्ट करने की कोशिश की जा रही है
केबल कटने की आवृत्ति होने से हो रही परेशानी को लेकर भी बीएसएनएल गंभीर हो गया है। अब सडक़ निर्माण के दौरान केबल कटती है तो इस पर जिम्मेदार ठेकेदार या संबंधित विभाग पर मामले दर्ज होंगे। जिसमें केबल कटने के मामले में डेढ़ लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।