भाजपा में शामिल होते ही बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया, 18 महीने में ही उम्मीदें ध्वस्त हो गईं

भोपाल: (Fourth Eye News) आज यानि 11 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए हैं. सिंधिया ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ले ली। इस दौरान उन्होने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरे जीवन में दो तारीखें बहुत महत्वपूर्ण रहीं।
पहला 30 सितंबर 2001 था, जिस दिन मैंने अपने पूज्य पिता को खोया। वह मेरे लिए जीवन बदलने का दिन था। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 थी, जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी। इस दिन मैंने एक नया फैसला लिया।
ज्योतिरादित्य के बेटे ने कहा सत्ता का भूखा नहीं रहा हमारा परिवार
सिंधिया ने कहा, ‘मैंने हमेशा माना है कि हमारा लक्ष्य जनसेवा होना चाहिए। राजनीति केवल उस लक्ष्य को पूरा करने का माध्यम होना चाहिए और कुछ नहीं।’ सिंधिया ने कहा कि आज वाली कांग्रेस पहले जैसी नहीं है। मध्य प्रदेश सरकार में आज ट्रांसफर उद्योग चल रहा है।
इस अवसर पर जेपी नड्डा ने सिंधिया को परिवार का सदस्य बताया। जेपी नड्डा ने कहा, ‘आज हम सबके लिए बहुत खुशी का विषय है और आज मैं हमारी वरिष्ठतम नेता स्वर्गीय राजमाता सिंधिया जी को याद कर रहा हूं। भारतीय जनसंघ और भाजपा दोनों पार्टी की स्थापना और स्थापना से लेकर विचारधारा को बढ़ाने में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है।’
ज्योतिरादित्या सिंधिया गिरा देंगे कमलनाथ सरकार ?
ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने कोटे से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाएगी और बाद में उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। सिंधिया ने मंगलवार को भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी।
इसके बाद इन दोनों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इन बैठकों के बाद सिंधिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया था। इस्तीफे में तारीख सोमवार 9 मार्च की थी।
मध्य प्रदेश के सियासी हलके में मंगलवार सुबह से ही चर्चा थी कि अपने पिता माधव राव सिंधिया की 75वीं जन्मतिथि पर ज्योतिरादित्य कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। दोपहर बाद सिंधिया ने किया भी कुछ ऐसा ही। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से नाराज चल रहे सिंधिया सूबे में सरकार बनने के बाद से ही अपनी उपेक्षा से आहत थे।