रायपुर : करोड़ का ऋण हड़पने वाले पिता-पुत्र के खिलाफ अपराध दर्ज

रायपुर : पंजाब नेशनल बैंक शाखा कटोरातालाब से 08 करोड़ का लोन लेने और किश्त जमा न करते हुए बैंक को धोखा देने के मामले में सिविल लाईन थाना पुलिस ने न्यायालय के आदेश के बाद आरोपी निर्मल अग्रवाल पिता हरी प्रसाद अग्रवाल, यशवर्धन अग्रवाल 38 वर्ष पिता निर्मल अग्रवाल, निवासी म.नं.11 चौबे कालोनी तथा डायरेक्टर जी.एण्ड जी प्रा.लि.फैक्ट्री प्लांट नंबर 10 फेस 2 औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
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पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रार्थी व्ही.के.विशरन पिता व्ही.कृष्णन 59 वर्ष निवासी सैलेंद्रनगर कोतवाली पंजाब नेशनल बैंक कटोरातालाब शाखा ने शिकायत दर्ज कराया कि आरोपी निर्मल अग्रवाल पिता हरी प्रसाद अग्रवाल, यशवर्धन अग्रवाल 38 वर्ष पिता निर्मल अग्रवाल, निवासी म.नं.11 चौबे कालोनी ने जी.एण्ड जी प्रा.लि.फैक्ट्री प्लांट नंबर 10 फेस 2 औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा में कच्चा माल खरीदने के लिए बैंक में 8 करोड़ का ऋण लेने आवेदन किया था.
8 करोड़ के ऋण के एवज में आरोपियों ने कंपनी का समस्त चल, अचल संपत्ति, पूरा स्टॉक, कच्चा माल, प्रोसेस स्टॉक, पैकेजिंग मटेरियल को गिरवी रखा.
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इसके साथ ही कंपनी प्रबंधक ने फैक्ट्री का प्लाट 85814 वर्गफुट, जय अंबे मेटल वक्र्स प्रा.लि. की जमीन व भवन व प्लाट, मशीनरी व निर्मल अग्रवाल के नाम व रहवासी मकान नंबर 11 रकमा 4000 वर्गफुट स्थित चौबे कालोनी को भी गिरवी रखा। इसके लिए संपत्ति के दावेदार आवेदक निर्मल अग्रवाल की पत्नी व उसके पुत्र ने गारंटी भी लिया.
इस पर बैंक ने 30 मार्च 2015 को 7 करोड़ का क्रेडिट व 1 करोड़ का टर्म लोन डब्ल्यूसीटीएल स्वीकृत किया। बैंक से पूरी रकम प्राप्त होने के बाद आरोपियों की नीयत बदल गई और बैंक को किश्त अदायगी नहीं की। इस पर बैंक प्रबंधन ने 22 नवंबर 2017 को नोटिस जारी कर ऋण के एवज में किश्त की राशि जमा करने कहा.
इस पर आरोपियों ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद बैंक द्वारा लगातार आरोपियों को नोटिस जारी कर ऋण अदायगी जमा करने का निर्देश दिया गया। लेकिन आरोपियों ने किसी भी नोटिस का जवाब नहीं दिया.
इसके बाद बैंक प्रबंधन की ओर से थाना सिविल लाईन में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई और न्यायालय डॉ. सुमित कुमार सोनी न्यायीक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर में परिवार प्रस्तुत किया। न्यायालय के आदेश के बाद अब सिविल लाईन थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण जांच में लिया है.