नेपाल में फिर भड़का Gen-Z आंदोलन, सड़कों पर तनाव—कई इलाकों में कर्फ्यू लागू

नेपाल एक बार फिर उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। Gen-Z युवाओं के तेज होते विरोध प्रदर्शनों ने हालात इतने बिगाड़ दिए कि प्रशासन को कई संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लागू करना पड़ा। गुरुवार सुबह से शुरू हुए तनाव ने सिमारा और उसके आसपास के क्षेत्रों को पूरी तरह अशांत कर दिया।
काठमांडू पोस्ट के अनुसार, सुबह करीब 11 बजे बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सिमारा चौक पर जमा हुए। भीड़ नियंत्रित न होने पर पुलिस को पहले लाठीचार्ज करना पड़ा और बाद में कर्फ्यू लगा दिया गया। सिमारा एयरपोर्ट के पास हालात बेकाबू होते ही पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और हवाई फायरिंग तक की। झड़पों में कई प्रदर्शनकारी घायल हुए, जिसके बाद एयरपोर्ट संचालन भी रोक दिया गया।
कर्फ्यू दोपहर 12:45 बजे से रात 8 बजे तक जारी रहने की संभावना है।
प्रदर्शन की जड़ में क्या?
Gen-Z समूह का आरोप है कि बुधवार को हुई झड़प से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस नाकाम रही। 19 नवंबर को एयरपोर्ट के पास हुए संघर्ष में 6 Gen-Z समर्थक घायल हुए थे और उनकी शिकायत पर 6 UML कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। तनाव तब और भड़क गया जब UML नेताओं ने 5 मार्च 2026 को प्रस्तावित चुनाव से पहले जिले का दौरा करने की घोषणा की।
दो महीने पुराना जख्म फिर हरा
ये प्रदर्शन ठीक दो महीने बाद भड़के हैं जब सितंबर में नेपाल हिंसा की आग में झुलस गया था। उस समय 76 लोगों की मौत हुई थी और हालात इतने खराब हो गए थे कि तत्कालीन प्रधानमंत्री व UML प्रमुख केपी ओली को इस्तीफा देना पड़ा।
सरकार गिरने के बाद 12 सितंबर को पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की की अगुवाई में नई सरकार बनी, जिसने पद ग्रहण करते ही संसद भंग करने और नए चुनाव कराने की सिफारिश की थी।




