एक मैच… और फिर गुमनामी: वो सितारे जो टीम इंडिया के लिए चमके, पर दोबारा कभी नहीं लौटे

भारतीय क्रिकेट का इतिहास गौरवशाली रहा है। 93 सालों की इस यात्रा में टीम इंडिया ने कई दिग्गजों को जन्म दिया — सचिन तेंदुलकर से लेकर विराट कोहली तक, और कपिल देव से लेकर एमएस धोनी तक। भारत ने दो वनडे वर्ल्ड कप, दो टी20 वर्ल्ड कप और दो चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर दुनिया को बताया कि यहां सिर्फ दर्शक ही नहीं, खिलाड़ी भी विश्वस्तरीय होते हैं।
लेकिन हर सफलता की चमक के पीछे कई अधूरी कहानियां भी दबी होती हैं — ऐसे खिलाड़ी, जिन्हें नीली जर्सी पहनने का सपना तो मिला, लेकिन दूसरा मौका नहीं। उन्होंने देश के लिए मैदान पर कदम तो रखा, पर किस्मत ने उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया।
आज हम बात कर रहे हैं ऐसे ही तीन भारतीय क्रिकेटरों की, जिनका अंतरराष्ट्रीय करियर महज एक मैच में सिमटकर रह गया।
🏏 पवन नेगी – एक मौका, एक विकेट, और फिर सन्नाटा
3 मार्च 2016 — एशिया कप में भारत का मुकाबला था यूएई से। शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में उस दिन पवन नेगी ने डेब्यू किया। 3 ओवरों में 16 रन देकर एक विकेट लिया, अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला, क्योंकि टॉप ऑर्डर ही मैच खत्म कर चुका था।
इसके बाद नेगी को कभी दोबारा टीम इंडिया की जर्सी पहनने का मौका नहीं मिला। जबकि 2017 में उनका IPL प्रदर्शन शानदार रहा — 16 विकेट, औसत 12 से भी थोड़ा बेहतर। मगर कलाई के स्पिनरों के दौर में नेगी जैसे ऑर्थोडॉक्स स्पिनर को टीम में जगह नहीं मिल पाई।
🏏 श्यूट बनर्जी – उम्र के आगे झुकी प्रतिभा
सन 1949। मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में भारत ने वेस्टइंडीज से मुकाबला किया। टीम इंडिया के लिए मैदान पर उतरे थे श्युट बनर्जी। उस एकमात्र टेस्ट में उन्होंने पहली पारी में 1 और दूसरी में 4 विकेट लिए — कुल 5 विकेट।
लेकिन तब वो अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर थे। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 385 विकेट और 3700+ रन वाले इस ऑलराउंडर को उम्र ने दोबारा मौका नहीं लेने दिया। उनका क्रिकेट सफर उस एक मैच के साथ थम गया।
🏏 फैज फजल – एक अर्धशतक और फिर इंतज़ार
2016 में भारत का दौरा कर रही थी जिम्बाब्वे। टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था फैज फजल ने। ओपनिंग की, और नाबाद 55 रन की पारी खेली। शानदार शुरुआत, पर वही आखिरी भी साबित हुई।
फैज फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 9000 से ज्यादा रन बना चुके थे। IPL में राजस्थान रॉयल्स के लिए शुरुआती सीज़न में छाप छोड़ चुके थे। लेकिन शायद उम्र और समय उनके साथ नहीं थे। एक अर्धशतक के बाद भी उन्हें दोबारा टीम इंडिया का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला।
आखिरी बात…
भारतीय क्रिकेट में टैलेंट की कमी नहीं, लेकिन मौका हर किसी को बराबर नहीं मिलता। कुछ खिलाड़ी दशकों तक खेलते हैं, और कुछ… एक मैच के बाद इतिहास के पन्नों में खो जाते हैं।
इन सितारों की कहानियाँ हमें ये याद दिलाती हैं कि सिर्फ प्रतिभा काफी नहीं होती — समय, किस्मत और मौके की भी अपनी भूमिका होती है। फिर भी, इन खिलाड़ियों ने उस एक मौके में देश के लिए जो किया, वो हमेशा याद रखा जाएगा।
आपको क्या लगता है — इनमें से किस खिलाड़ी को और मौके मिलने चाहिए थे?