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आर एस ऑटोमोबाइल्स के प्रो. खुशीराम कुंदनानी की संपत्ति कुर्क का आदेश जारी, करोड़ों का पुनर्भुगतान नहीं करने पर कार्रवाई

रायपुर। आर एस ऑटोमोबाइल्स के प्रोपाइटर खुशीराम कुंदनानी और किशोर कुंदनानी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। पहले आर एस ड्रीमलैंड प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट इलीट इम्प्रेशिया में वित्तीय अनियमितताओं के चलते यह सुर्ख़ियों में रहे वहीँ अब आर एस कार वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड के प्रोपाइटर होने के नाते एक वित्तीय संस्थान को उससे लिए गए ऋण का पुनर्भुगतान नहीं कर पाए जाने के चलते इनकी संपत्ति पर कुर्की का आदेश जारी हुआ है। 

आपको बता दें कि आर एस  ऑटोमोबाइल्स के अंतर्गत खुशीराम कुंदनानी ने 31 मई सन 2015 को लोन अकाउंट नंबर 3442810 के अंतर्गत 1 करोड़ 53 लाख रूपए की राशि 12.75 प्रतिशत की ब्याज दर से तमाम अनुबंध की शर्तों को स्वीकार करते हुए अपनी सम्पत्तियों को बंधक रखते हुए ऋण लिया था।  संपत्ति धारकों में खुशीराम कुंदनानी का नाम प्रमुखता से शामिल है। 

जिनकी आर इस ऑटोमोबाइल्स नामक कम्पनी जी ई रोड तेलीबांधा स्थित क्वाराम कोडोमिनियम 5 वीं मंज़िल में ऑफिस नंबर ई -1, ई – 2 (भाग ), ई -6, ई -7, ई -8 में संचालित थी। इस संपत्ति को बंधक रखते हुए ऋण की एवज में एक निर्धारित राशि अनुबंध के अंतर्गत चुकाई जानी थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। शुरूआती कुछ महीनों के बाद लेनदार की और से ऋण की राशि का भुगतान करना बंद हो गया।

ब्याज दर को मिलकर भुगतान की राशि साल 2017 तक 1 करोड़ 64 लाख 83 हज़ार 672 रुपए हो गई थी, वहीँ वर्तमान में इस आंकड़े में और उछाल आ चुका है। देनदार ने इसके बाद कानूनन प्रक्रिया अपनाई तब फैसला पक्ष में आया नतीजतन आर एस ऑटोमोबाइल्स के प्रोपाइटर खुशीराम कुंदनानी की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी हुआ है आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड की ओर से अनुच्छेद – iv ( नियम 8 (1 ) का कब्ज़ा नोटिस अखबारों में भी प्रकाशित किया जा चुका है।

आपको बता दें कि आर एस ऑटोमोबाइल्स का मामला सामने आने से पहले खुशीराम कुंदनानी और किशोर कुंदनानी का एक और प्रोजेक्ट काफी विवादों में है।  राजधानी रायपुर के कमल विहार स्थित आर एस ड्रीमलैंड प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट एलिट इम्प्रेशिया में समय सीमा पर ग्राहकों को पजेशन नहीं देने, एलआईजी फ्लैट्स साधन संपन्न व्यक्तियों को नियम विरुद्ध विक्रय करने जैसी तमाम शिकायतें रेरा और जोन 10 में भी की गईं हैं। वहीँ इस सम्बन्ध में एक प्रकरण न्यायलय में भी लंबित है।

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