नईदिल्ली : इंडिया शाइनिंग जैसा होगा अच्छे दिन का हाल
नई दिल्ली : विपक्ष को एकजुट करने की कोशिशों के बीच कांग्रेस नेता और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। सोनिया ने कहा कि 2019 में उनकी पार्टी का मुख्य मुद्दा मोदी सरकार द्वारा किए गए वादें होंगे। सोनिया ने कहा कि अच्छे दिन का हाल भी इंडिया शाइनिंग जैसा ही होगा। इस दौरान उन्होंने पार्टी की 2019 में वापसी का भी भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा, क्या भारत 26 मई 2104 से पहले पूरी तरह एक ब्लैक होल था? क्या भारत विकास और महानता की तरफ सिर्फ 4 साल पहले बढ़ा है? क्या यह कहना हमारे लोगों की बुद्धिमत्ता का अपमान नहीं है। सोनिया गांधी एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बोल रहीं थीं।
बता दें कि सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों को एकजुट करने के उद्देश्य से 13 मार्च को विपक्ष के नेताओं को डिनर के लिए बुलाया है। माना जा रहा है कि यह सिर्फ डिनर नहीं होगा बल्कि बीजेपी के शासन के खिलाफ विपक्ष की एकता को भी दर्शाएगा।
अलग दौर से गुजर रही है राजनीति
सोनिया गांधी ने कहा कि लोकतंत्र में बहस की खुली छूट होनी चाहिए। आज के दौर में काफी लोग पीछे छूट रहे हैं। इतिहास को दोबार लिखने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस समय देश की राजनीति एक अलग दौर से गुजर रही है। संविधान के सिद्धांतों पर प्रहार हो रहा है। सत्ता में बैठे लोग भडक़ाऊ बयान दे रहे हैं, जो वहां बैठे लोगों की राजनीति का हिस्सा है। इससे अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा बढ़ रहा है। देश में भर में विरोध में उठ रही आवाजों को दबाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा, चुनाव के लिए लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है। यहां तक कि हमारे सोशल डीएनए में भी बदलाव का प्रयास किया जा रहा है। आरटीआई कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में रोजगार की समस्या गंभीर है, किसानों की परेशानी बढ़ रही है। इन आवाजों को उठाने वाले राजनीतिक दलों को जांच एजेंसियों के जरिए दबाने की कोशिश हो रही है। सोनिया गांधी ने नोटबंदी को देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका बताया। संसदीय बहुमत को कुछ भी करने का लाइसेंस माना जा रहा है।
मोदी पर दिया यह जवाब
इस दौरान जब सोनिया गांधी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, मैंने पूरी रामायण पढ़ दी है और अब आप पूछ रहे हैं कि सीता कौन थी? उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से कार्यक्रमों में मिलती रहती हैं, लेकिन उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती हैं।
2019 में करेंगे वापसी
कार्यकम में सोनिया गांधी ने कहा कि बीजेपी 4 साल में किए गए एक भी वादे को पूरा नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा, 2019 में मुख्य मुद्दा बीजेपी द्वारा बीते 5 साल के दौरान किए गए वादे होंगे क्योंकि पूरा कार्यकाल खत्म होने के बाद भी उनके सारे वादे सिर्फ सुनहरे वादे ही रह गए। मुझे पूरा भरोसा है कि बीजेपी के अच्छे दिन एक बार फिर उनके लिए शाइनिंग इंडिया बनने जा रहा है। हम 2019 में वापसी करेंगे।
वाजपेयी की तारीफ
सोनिया गांधी ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि संसद में विपक्ष को बोलने भी नहीं दिया जाता है। सोनिया ने कहा, हम कई मुद्दों पर बहस भी नहीं कर पाते हैं। सरकार न जाने क्यों चर्चा से भगती है। इस दौरान उन्होंने कहा कि विचारों मामले पर भले ही उनकी पार्टी वाजपेयी से सहमत न हो, लेकिन वाजपेयी सरकार में संसदीय परंपराओं के लिए काफी सम्मान था। इस मामले में मोदी सरकार पीछे छूट गई है।
अपनी जिम्मेदारी समझते हैं राहुल
सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष का पद छोडऩे के बाद अब उनके पास अधिक समय है। वह कई मायनों में चिंतामुक्त हुई हैं। लिहाजा इस समय में वह राजीव गांधी से जुड़े पुराने दस्तावेजों को पढऩे और परिवार की जिम्मेदारी निभाने में लगी हैं। राहुल गांधी के बारे में पूछे जाने पर सोनिया गांधी ने कहा, राहुल अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। जैसे हर व्यक्ति का काम करने का अपना अलग तरीका होता है, वैसे ही राहुल भी अपने ढंग से काम कर रहे हैं। यदि किसी विषय पर राहुल मुझसे चर्चा करते हैं तो मैं उन्हें सलाह देती हूं। वह नए लोगों को आगे लाना चाहते हैं।
2014 में इसलिए हारी कांग्रेस
जब सोनिया गांधी से 2014 में उनकी पार्टी की हार के कारणों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, देश में हमारी सरकार 10 साल तक थी। हम दो टर्म तक सरकार में थे। ऐसे में हमें सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ा। साथ ही बीजेपी अपना प्रोपगैंडा फैलाने में कामयाब रही। यूपीए सरकार को बदनाम किया गया। कई घोटालों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया। सीएजी की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में है। अब हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। पार्टी को इससे बाहर निकलने का रास्ता ढूंढना होगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी का पद छोडऩे के साथ उनका राजनीतिक सफर खत्म माना जाए? तो सोनिया ने कहा कि वह राहुल के साथ पार्टी के मामलों पर लगातार बातचीत करती रहती हैं। उनकी कोशिश है कि वह देश में एक सेक्युलर फ्रंट को तैयार करने में भूमिका अदा करें, जिससे देश की राजनीति को अच्छी दिशा मिलती रहे।