रायपुर : छत्तीसगढ़ के सीधे, सरल और सपाट बात करने वाले मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह नये कलेवर में नजर आ रहे हैं। विरोधियों की कड़वी बातों को हॅंस कर टाल देने के आदी रहे डॉ. रमन इस बार खुद तीखे तेवर दिखाकर विरोधियों को बैकफुट पर धकेलने का रास्ता अपना रहे हैं। अभी तो ये शुरूआत है। यूॅं कहें कि अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे बहुत लड़ाई है। हर बार चुनावी तैयारियों के मौसम में विकास यात्रा लेकर निकलने वाले डॉ. रमन ने सत्ता की चौथी पारी खेलने के लिए विकास रथ लेकर सियासी वार्मअप शुरू कर दिया है। चुनावी विकास यात्रा पर निकले डॉ. रमन ने विपक्ष पर सवालों की झड़ी लगाना शुरू कर दी। कांग्रेस ने सत्तर साल में जनता को क्या दिया? वे जनता से पूछ रहे हैं कि क्या कांग्रेस ने एक रुपये किलो में चावल दिया, क्या कांग्रेस ने इलाज के लिए हजार-दो हजार दिया?
यूॅं कहें कि अभी तो ये अंगड़ाई है,
क्या कांग्रेस ने गरीबों को पक्के मकान दिये? क्या अच्छी सडक़ें दीं? क्या अच्छे अस्पताल दिये? क्या गरीब- आदिवासी बच्चों को अच्छी शिक्षा के साधन दिये? वे याद दिला रहे हैं कि गरीबी हटाओ का नारा देने वालों ने गरीबों के लिए क्या नहीं किया और उन्होंने क्या-क्या किया? डॉ. रमन विकास यात्रा पर हैं और कांग्रेसी विकास खोजने निकल रहे हैं। डॉ. रमन चुनौती दे रहे हैं कि जैसा विकास उन्होंने देश के सबसे पिछड़े आदिवासी जिले बीजापुर का किया, वैसा राहुल गांधी अमेठी का दस-बीस साल में विकास करके बताएं। यह बरसात विकास यात्रा आगे बढ़ते जाने के साथ गति पकड़ती जायेगी, यह तय है।
कांग्रेसी विकास खोजने निकल रहे हैं
राज्य में सत्ता परिवर्तन की उम्मीद पर आश्रित कांग्रेस के नेताओं पर डॉ. रमन राजनीतिक बमबारी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की विकास यात्रा के मुकाबले विकास खोजने निकले कांग्रेसी योध्दाओं को चुनौती दी जा रही है कि सत्तर सालों का जवाब दो। हम तो पन्द्रह सालों का जवाब पूरी जिम्मेदारी से देने निकले हैं। डॉ. रमन का अंदाज कुछ ऐसा है, जैसे कि कांग्रेस से कह रहे हों- मेरे सवालों का जवाब दो, दो न..! अब यह कहें कि बदले-बदले से सरकार नजऱ आते हैं, या कहें कि आप तो ऐसे न थे अथवा यह कहें कि आप से भी खूबसूरत आपके अंदाज हैं..!