राजनांदगांव : कुपोषण मुक्त जिला बनाने प्रशासन ने कसी कमर
राजनांदगांव : कलेक्टर भीम सिंह के मार्गदर्शन में राजनांदगांव जिले को कुपोषण मुक्त जिला बनाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही है। कलेक्टर भीम सिंह ने राजनांदगांव जिले को शत प्रतिशत कुपोषण मुक्त जिला बनाने हेतु राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अंतर्गत आज 10 सितम्बर को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले के सिविल सोसायटी संगठनों की अभिसरण बैठक ली। उन्होंने जिले को कुपोषण मुक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए इस अभियान का सफल बनाने में सामाजिक एवं स्वैच्छिक संगठनों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। बैठक में जिले को कुपोषण मुक्त बनाने की रणनीति पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।
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बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग श्री त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, उप संचालक समाज कल्याण विभाग श्री ठाकुर सहित जिले के विभिन्न सिविल सोसायटी संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने कुपोषण के दुषप्रभावों के संबंध में जानकारी देते हुए गर्भावस्था, शिशु तथा बाल्यावस्था में ही इसकी रोकथाम हेतु उपाय सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के अभियान को सफल बनाने हेतु शासकीय एवं गैर शासकीय संगठनों के अलावा सामाजिक संगठनों को भी महति भूमिका निभाने की अपील की। श्री सिंह ने जिले के सभी सिविल सोसायटी संगठनों को आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेने का आग्रह भी किया।
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कलेक्टर ने सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को अपने गोद लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के कुपोषण मुक्ति के कार्य के अलावा आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुचारू संचालन हेतु समय पर आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन एवं खाद्यान्न सामग्री आदि की भी नियमित जांच करने को कहा। उन्होंने सभी सामाजिक संगठनों एवं गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों को अपने गोद लिए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को नियमित रूप से दूध, फल, अण्डा इत्यादि के अलावा आवश्यकतानुसार पोष्टिक भोजन प्रदान कराने को कहा। इसके अलावा बच्चों के माता-पिता एवं अभिभावकों को भी कुपोषण की दुषप्रभावों की जानकारी देने को कहा।
इसके साथ ही कुपोषित बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान रखने तथा बच्चों को नियमित रूप से पोष्टिक भोजन प्रदान करने के लिए प्रेरित करने को कहा। कलेक्टर ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत सामाजिक एवं गैर सरकारी संगठन अपनी सुविधानुसार अपने गोद लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को पोष्टिक भोजन प्रदान करने के अलावा सामग्री क्रय करने हेतु राशि, प्रोटीन पाऊडर, आदि भी दे सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने सभी परिवार के कुपोषित बच्चों के लिए उनके घर में भी समुचित मात्रा में पोष्टिक भोजन सामग्री उपलब्ध कराई जा सकता है।
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कलेक्टर श्री सिंह ने इस अभियान के अंतर्गत गरीब एवं श्रमिक बाहुल्य क्षेत्रों के कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर उनके लिए पोष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को कहा। श्री सिंह ने राजनांदगांव शहर को शत प्रतिशत कुपोषण मुक्त शहर बनाने हेतु भी सामाजिक संगठनों एवं गैर सरकारी संगठनों को सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव शहर के एक भी बच्चा कुपोषित नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस अभियान में सामाजिक एवं स्वयंसेवी संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्हें पूरी संवेदनशीलता के साथ इस अभियान को सफल बनाने में सहभागिता निभाने की अपील की।
इस दौरान नगर और जिले के सभी सभी सामाजिक एवं स्वयं सेवी संस्थाओं तथा गैर सरकारी संगठनों को उनके इच्छानुसार कुपोषण मुक्त बनाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र भी आबंटित किया गया। कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में उपस्थित समाजसेवी एवं गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से कुपोषण मुक्त अभियान को सफल बनाने हेतु आवश्यक सुझाव भी लिए। इस दौरान जिले के विभिन्न सामाजिक एवं स्वैच्छिक संगठनों व गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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