रायपुर में कॉर्निया प्रत्यारोपण की चार सफल शल्यक्रियाएं, छह वर्षीय बच्ची की लौटी दृष्टि

रायपुर। राजधानी के डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित नेत्र रोग विभाग सह क्षेत्रीय नेत्र संस्थान ने हाल ही में चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। पं. जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध इस संस्थान की विशेषज्ञ टीम ने लगातार चार जटिल कॉर्निया प्रत्यारोपण (केराटोप्लास्टी) की सफल सर्जरी कर मरीजों की ज़िंदगी में नई रोशनी भर दी है।
इन सभी सर्जरीज़ को डॉ. निधि पांडे के मार्गदर्शन में डॉ. रेशु मल्होत्रा, डॉ. स्मृति गुप्ता (कॉर्निया विशेषज्ञ) और डॉ. अंजू भास्कर ने अंजाम दिया। खास बात यह रही कि इनमें से एक सबसे छोटी मरीज, एक छह वर्षीय बच्ची, जो जन्म से ही दोनों आंखों से दृष्टिहीन थी, अब दुनिया को देख रही है। यह एक भावनात्मक और चिकित्सा की दृष्टि से बेहद अहम सफलता है।
कॉर्निया विशेषज्ञ डॉ. स्मृति गुप्ता ने बताया कि यह बच्ची ‘कॉर्नियल ओपेसिटी’ से पीड़ित थी, जिससे वह पूरी तरह दृष्टिहीन थी। प्रत्यारोपण के बाद उसकी दृष्टि में निरंतर सुधार हो रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “नेत्रदान सिर्फ एक अंगदान नहीं है, यह किसी की अंधेरी दुनिया को रौशन करने का माध्यम है। मैं उन सभी नेत्रदाताओं का हृदय से धन्यवाद करता हूं जिनकी वजह से यह संभव हो पाया।”
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने भी इस उपलब्धि को मानवीय संवेदना का प्रतीक बताया और कहा कि “एक दृष्टिहीन बच्ची की ज़िंदगी में रोशनी लाना हमारे लिए गौरव की बात है। यह हमारे डॉक्टरों, स्टाफ और नेत्रदाताओं की टीम भावना का नतीजा है।”
ज्ञात हो कि संस्थान का नेत्र रोग विभाग अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों से सुसज्जित है, जहां नेत्र से जुड़ी गंभीर बीमारियों का सफल उपचार किया जा रहा है।